फोटो संख्या :19,20फोटो कैप्सन : प्रवचन करते स्वामी आत्मशोधक जी महाराज एवं उपस्थित श्रद्धालु प्रतिनिधि , जमालपुरसंत मत सत्संग आश्रम लक्ष्मणपुर में चल रहा सात दिवसीय ध्यान साधना शिविर शनिवार को संपन्न हो गया. समापन समारोह में मुख्य प्रवचन कर्ता राजगीर से पधारे संत मत के वरिष्ठ महात्मा स्वामी आत्मशोधक जी महाराज थे.उन्होंने कहा कि मनुष्य शरीर ध्यान साधना करने का घर तथा मोक्ष का द्वार है. मानव शरीर बड़े ही भाग्य से मिलता है. मानव शरीर को दैहिक, दैविक तथा भौतिक ताप से बचने के लिए सत्संग और साधना का सहारा लेना पड़ता है. उन्होंने कहा कि इंद्रियों से जो ज्ञान प्राप्त होता है वह सब माया है. जबकि भव सागर पार करने के लिये यह शरीर नाव के समान साबित होता है जिसके मल्लाह सदगुरु होते हैं. उन्होंने कहा कि योजन तक फैला हुआ पाप भी ध्यान योग से नष्ट हो जाता है. संचालन सचिव प्रताप मंडल ने किया. स्वामी शील निधान बाबा, दिनेशानंद, प्रभाकर बाबा, बासुदेव मंडल ने भी प्रवचन किया. मौके पर राजन कुमार चौरसिया, सच्चिदानंद चौधरी, शिवनारायण मंडल, डॉ ज्ञानेश्वर कुमार धार्मिक, मनोज, कन्हैया लाल सहित दर्जनों श्रद्धालु महिलाएं उपस्थित थी.
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मनुष्य शरीर ही ध्यान साधना का घर : स्वामी आत्मशोधक
फोटो संख्या :19,20फोटो कैप्सन : प्रवचन करते स्वामी आत्मशोधक जी महाराज एवं उपस्थित श्रद्धालु प्रतिनिधि , जमालपुरसंत मत सत्संग आश्रम लक्ष्मणपुर में चल रहा सात दिवसीय ध्यान साधना शिविर शनिवार को संपन्न हो गया. समापन समारोह में मुख्य प्रवचन कर्ता राजगीर से पधारे संत मत के वरिष्ठ महात्मा स्वामी आत्मशोधक जी महाराज थे.उन्होंने कहा कि […]
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