आयुक्त ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि बाढ़ के पूर्व संभावित स्थिति को देखते हुए तैयारी की जानी चाहिए. कटाव निरोधक कार्य तथा बाढ़ के दौरान शरणस्थल व शिविर का भी चयन कर लिया जाय. लखीसराय के जिलाधिकारी ने बताया कि 17 किलोमीटर तटबंध के संधारण के अलावा सूर्यगढ़ा के कुछ क्षेत्रों में कटाव निरोधक कार्ययोजना पर कार्य किया जाना है.
लेकिन कार्य क्षेत्र को लेकर जल संसाधन विभाग एवं नहर प्रमंडल के बीच मतभिन्नता है. जबकि शेखपुरा के जिलाधिकारी ने बताया कि नवादा तथा बिहारशरीफ क्षेत्र में अधिक वर्षा अथवा जल संग्रह के कारण शेखपुरा के भी कुछ इलाके बाढ़ प्रभावित होते हैं. मुंगेर के जिलाधिकारी ने डकरा नाला फाटक नहीं खुलने के कारण उत्पन्न समस्या तथा गंगा नदी के किनारे विभिन्न क्षेत्रों पर कटाव निरोधक योजनाओं के संदर्भ में जानकारी दी. खगड़िया के जिलाधिकारी ने बताया कि जिले के लगभग 80 से 90 प्रतिशत भूभाग बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है. कोसी नदी में 3 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण स्थिति गंभीर हो जाती है. नेपाल क्षेत्र में होने वाले वर्षा से पूरा क्षेत्र प्रभावित रहता है.
आयुक्त ने बैठक में उपस्थित जल संसाधन के अधीक्षण अभियंता को निर्देश दिया कि लखीसराय जिले का भ्रमण कर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लें और जिलाधिकारी से संबंधित अभियंताओं की बैठक सुनिश्चित करें. खगड़िया की स्थिति को देखते हुए उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि वे सभी प्रखंड के बीडीओ व सीओ से क्षेत्र की भौतिक स्थिति की जानकारी संकलित करें. आयुक्त ने बाढ़ के मद्देनजर जहां स्वास्थ्य समस्याओं के संदर्भ में आवश्यक निर्देश दिये. वहीं पशुपालन पदाधिकारियों को पशुओं की चिकित्सा व्यवस्था व पशुचारा को लेकर आवश्यक निर्देश दिये गये.