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मुंगेर: एमडीएम रसोइया संघ के बैनर तले रविवार को रसोइया ने विशाल जुलूस निकाला. जुलूस में शामिल सैकड़ों महिला रसोइया ने बंधुआ मजदूरी से मुक्ति दिलाने के लिए शहरवासियों से समर्थन की मांग कर रहे थे. जुलूस का नेतृत्व एमडीएम रसोइया संघ के प्रदेश अध्यक्ष आशिष कुमार सिंह कर रहे थे. जुलूस पूरबसराय से 8 […]

मुंगेर: एमडीएम रसोइया संघ के बैनर तले रविवार को रसोइया ने विशाल जुलूस निकाला. जुलूस में शामिल सैकड़ों महिला रसोइया ने बंधुआ मजदूरी से मुक्ति दिलाने के लिए शहरवासियों से समर्थन की मांग कर रहे थे. जुलूस का नेतृत्व एमडीएम रसोइया संघ के प्रदेश अध्यक्ष आशिष कुमार सिंह कर रहे थे.

जुलूस पूरबसराय से 8 सूत्री मांगों के समर्थन में निकली, जो शहर के मुख्य मार्गो से होते हुए किला पहुंची. जहां से जुलूस पुन: पुरबसराय राजपूत छात्रवास पहुंच कर समाप्त हुई. आशिष कुमार सिंह ने कहा कि 10 वर्षो से धैर्य के साथ अपने कर्तव्य का पालन कर रही है. राज्य सरकार का कहना है कि रसोइया केंद्र की योजना से काम कर रहे हैं. इसलिए उनकी समस्याओं का समाधान केंद्र की जिम्मेवारी है. जिसके कारण रसोइया केंद्र और राज्य के बीच झूल रही है. रसोइया को मिनीमम वेज से भी काफी कम राशि पर काम कर रही है. पूरे बिहार में 27 लाख रसोइया काम कर रही है. जिसे 30 रुपया रोज के हिसाब से मानदेय दिया जा रहा है. इतना ही नहीं ग्रामीणों को पता नहीं है कि रसोइया को क्या मिल रहा है.

जिसके कारण ग्रामीण रसोइया को चोर समझते हैं. अक्सर रसोइया का झोला चेक करके अपमानित करते हैं. रसोइया हेडमास्टर और ग्रामीण से अक्सर प्रताड़ित होना पड़ता है. उपाध्यक्ष लक्ष्मण कुमार, सचिव धनंजय कुमार ने कहा कि ग्रामीणों को समझना चाहिए कि रसोइया ही एक स्कूल में काम करने वाला कर्मचारी है जो बच्चों का गारजियन भी है. ग्रामीण रसोइया के सहयोग से स्कूल में पढ़ाई और खाना दोनों की स्थिति ठीक कर सकते हैं. जुलूस में उमाशंकर, अंजनी कुमार सिंह, विमला, आरती, सुलैखा सहित सैकड़ों रसोइया शामिल थी .

रसोइया की जुलूस ने रोकी रफ्तार. रसोइया की जुलूस पुरबसराय से निकली. जिसमें सैकड़ों की संख्या में महिला शामिल थी. जुलूस शहर की मुख्य मार्ग से गुजरी. जिसके कारण यातायात व्यवस्था पुरी तरह चरमरा गयी. मुख्य मार्ग में राहगीरों का चलना मुश्किल हो गया. पैदल राहगीरों को भी चलने में मुश्किल हो गयी.

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