फोटो संख्या : 4फोटो कैप्शन : बरियारपुर में उपजा आलू प्रतिनिधि , बरियारपुररतनपुर पंचायत क्षेत्र में आलू की खेती करने वाले किसान सिमित सुविधा में भी जिस तरह आलू की उपज कर रहे हैं. वह काबीले तारीफ है. अगर इन किसानों को सिंचाई की सुविधा मुहैया करायी जाएं तो आलू की उपज काफी हो सकती है. रतनपुर के किसान मनोज सिंह, बमबम कुमार, बलराम राय, अनुराग कुमार, सरयुग मंडल आदि ने बताया कि हमलोग सिमित सुविधा होने के बावजूद आलू की उपज अच्छा कर लेते हैं. अगर सरकार सिंचाई की सुविधा इस क्षेत्र में उपलब्ध कराये तो आलू की उपज में अत्याधिक वृद्धि होगी. इन किसानों ने बंगाल बादशाह वेरायटी का आलू बीज 21 सौ रुपये प्रति क्वींटल खरीद कर खेतों में लगाया, जो 15 मन प्रति कट्ठा की दर से खेतों में उपजा. इनके खेतों में 500 ग्राम से ऊपर तक का आलू उपजा. अपने खेतों को तैयार करने के लिए पांच चास जोतकर मिट्टी को हल्का किया. फिर गोबर देकर दो चास जोत किया. फिर बर्मी कंपोस्ट देकर आलू बीज को रोपा व मेढ़ बना दिया. पाला से बचाने के लिए यूथेन एम 45 का छिड़काव तीन बार किया. रोपने के 15 वें 45 वें व 52 वां दिन पटवन किया. कुल 90 दिन में फसल तैयार हो गयी. लागत 2 हजार रुपये प्रति कट्ठा की दर से पड़ता है. एवं आमदनी 5 हजार रुपये प्रति कट्ठा प्राप्त होती है. समस्या जो इन किसानों को हो रही है. वह समस्या सिंचाई की है. सिंचाई कम होने से आलू फटने लगता है. एवं हरा होने लगता है. जो खाने योग्य नहीं रह जाते है. इसलिए इन्हें आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है. सिंचाई की व्यवस्था सुदृढ़ हो जाने पर इनकी आलू की उपज भी बढ़ जायेगी. एवं आर्थिक आमदनी में बढ़ोतरी होगी.
सिंचाई की सुविधा मिले तो आलू की उपज में होगी बढ़ोतरी
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