मुंगेर: मुंगेर नगर निगम मस्त कर्मचारी पस्त वाली कहावत चरितार्थ हो रही है. निगम के नियोजन इकाई के प्रभारी मनोज कुमार पासवान के जिम्मे सरकारी योजनाओं के चार-चार इकाइयों का दायित्व है. फलत: कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रही है. यदि एक इकाई में काम संभालते हैं तो दूसरा प्रभावित होता है. इतना ही नहीं न तो उसे कोई सहयोगी दिया गया है और न ही चपरासी जो उसके फाइल या कागजात को ठीकठाक कर सके. जबकि मनोज कस्तूरबा वाटर वर्क्स में पंप खलासी के पद पर कार्यरत था.
जिसे स्थानांतरित कर नगर निगम भेजा गया. 2014 के जून माह में मनोज का कस्तूरबा वाटर वर्क्स से स्थानांतरण कर नगर निगम कार्यालय में पदस्थापित किया गया. जहां वह राशन कार्ड संबंधी कार्य का फाइल देख रहा था.
कुछ माह बाद उन्हें पेंशन संबंधी फाइल भी सौंप दिया गया. जैसे-तैसे वे काम का निबटारा कर रहे थे. तभी शिक्षक नियोजन संबंधी कार्य का दायित्व भी सौंप दिया गया. अब हाल यह है कि तीन महत्वपूर्ण इकाइयों का कार्य का निबटारा करते-करते अब उसे पुन: ठंड को देखते हुए रैन बसेरा का भी दायित्व सौंप दिया गया है. फलत: कर्मचारी जहां परेशान है वहीं संबंधित लोग भी अपने कामों के लिए कार्यालयों का चक्कर लगाते रहते हैं.
कहते हैं प्रभारी नियोजन इकाई के प्रभारी मनोज कुमार पासवान ने कहा कि चार-चार योजनाओं का फाइल मेरे पास है. कार्य निष्पादन में काफी परेशानी हो रही है. विभाग को चाहिए कि एक सहायक अथवा कार्यालय देखने के लिए एक चतुर्थवर्गीय कर्मचारी की तैनाती यहां करे. अगर फाइल पर अधिकारी का हस्ताक्षर कराना होता है तो कार्यालय बंद कर जाना पड़ता है.