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नहीं मिले एक भी मरीज

जमालपुर : अल्ट्रासाउंड की जांच के बहाने भ्रूण हत्या की संभावना की जांच करने सोमवार को जिला स्तरीय टीम उस समय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जब वहां ओपीडी बंद हो चुका था. यह टीम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 2:30 बजे पहुंची. जबकि ओपीडी 2 बजे ही बंद हो चुका था. सिविल सजर्न के आदेश पर पीएचसी पहुंची […]

जमालपुर : अल्ट्रासाउंड की जांच के बहाने भ्रूण हत्या की संभावना की जांच करने सोमवार को जिला स्तरीय टीम उस समय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जब वहां ओपीडी बंद हो चुका था. यह टीम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 2:30 बजे पहुंची. जबकि ओपीडी 2 बजे ही बंद हो चुका था. सिविल सजर्न के आदेश पर पीएचसी पहुंची टीम यहां लगभग आधे घंटे तक ठहरी. जांच टीम में कार्यपालक दंडाधिकारी चंद्रमोहन पाठक, डॉ अरविंद कुमार सिंह तथा डॉ हिमकर शामिल थे.
प्राप्त समाचार के अनुसार जांच टीम द्वारा इस बात की संभावना तलाशी जा रही थी कि कहीं पीएनबीटी के तहत भ्रूण के लिंग की पहचान कर कन्या भ्रूण की हत्या तो नहीं की जा रही. इसके लिए पीएचसी में चल रहे अल्ट्रासाउंड जांच की पंजी का टीम द्वारा निरीक्षण किया गया. अल्ट्रासाउंड से ही भ्रूण के लिंग की पहचान संभव हो पाती है.
बालिका को बोझ समझने वाले समाज में बेटे की चाहत ने कन्या भ्रूण की हत्या का चलन अपना लिया है. लिंगानुपात को बरकरार रखने के लिए अल्ट्रासाउंड जांच घरों में इस प्रकार के औचक निरीक्षण किये जाते हैं. जानकार बताते हैं कि अल्ट्रासाउंड कराने आयी महिलाओं से भी जांच टीम द्वारा पूछताछ कर प्रतिवेदन तैयार किया जाता है, किंतु प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जांच के दौरान एक भी मरीज अल्ट्रासाउंड केंद्र पर मौजूद नहीं मिले. हालांकि जांच टीम द्वारा इस संबंध में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया गया.

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