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सार्वजनिक शिक्षा को कमजोर करने की साजिश

प्रतिनिधि , मुंगेरअखिल भारतीय प्रारंभिक शिक्षक संघ के राष्ट्रीय महासचिव नवल किशोर प्रसाद सिंह ने कहा है कि बिहार सरकार की शिक्षा नीति सार्वजनिक शिक्षा को कमजोर कर निजी शिक्षा को बढ़ावा देना है. वे मुंगेर में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.उन्होंने कहा कि एकीकरण के नाम पर शिक्षा विभाग ने दो किलो मीटर […]

प्रतिनिधि , मुंगेरअखिल भारतीय प्रारंभिक शिक्षक संघ के राष्ट्रीय महासचिव नवल किशोर प्रसाद सिंह ने कहा है कि बिहार सरकार की शिक्षा नीति सार्वजनिक शिक्षा को कमजोर कर निजी शिक्षा को बढ़ावा देना है. वे मुंगेर में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.उन्होंने कहा कि एकीकरण के नाम पर शिक्षा विभाग ने दो किलो मीटर तक की दूरी तक वाले विद्यालय भी बंद कर दिया. ऐसा होने से गरीब व पिछड़े तबके के बच्चे शिक्षा के मूल अधिकार से वंचित हो अशिक्षित रह जायेंगे. शिक्षा स्तर के गिरावट के लिए सरकार दोषी है. क्योंकि शिक्षक नियुक्ति में धांधली, स्थानांतरण-पदस्थापन के नाम पर नाजायज वसूली तथा समय पर शिक्षकों को पुस्तक उपलब्ध नहीं कराने के कारण पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है. 5 हजार शिक्षकों को शिक्षा परियोजना के कार्यों में 10 वर्षों से प्रतिनियोजित कर विद्यालय से बाहर कर रखा है. अकारण मध्याह्न भोजन में शिक्षकों को लगा दिया गया है. शिक्षक को ठेकेदार बना दिया है. एक लाख शिक्षकों की कमी के कारण सुचारु रुप से विद्यालय संचालित नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि शिक्षा की दुर्दशा यह है कि कॉलेजों में प्रोफेसर नहीं के बराबर है. उच्च विद्यालय से लेकर प्राइमरी विद्यालयों तक में शिक्षकों के लाखों पद रिक्त है.

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