मुंगेर : अवैध हथियार निर्माण, तस्करी एवं भंडारण को लेकर देश और विदेश में चर्चित मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मिर्जापुर बरदह गांव के अमन पसंद लोगों ने एसपी लिपि सिंह से मुलाकात किया और बरदह गांव के भटके लोगों को जागरूक कर समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का आह्वान किया.
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अवैध हथियार निर्माण में लगे युवाओं को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की अपील
मुंगेर : अवैध हथियार निर्माण, तस्करी एवं भंडारण को लेकर देश और विदेश में चर्चित मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मिर्जापुर बरदह गांव के अमन पसंद लोगों ने एसपी लिपि सिंह से मुलाकात किया और बरदह गांव के भटके लोगों को जागरूक कर समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का आह्वान किया. लोगों ने जिला प्रशासन एवं […]
लोगों ने जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के सहयोग से वर्ष 2014 में गठित जनसंघर्ष समिति मिर्जापुर बरदह को पुन: एक्टिव करने के साथ विशेष जागरूकता अभियान चलाने की अपील की. साथ ही यहां के युवाओं को स्वरोजगार के लिए बैंकों से ऋण दिलाने की भी गुजारिश की गयी.
मुफस्सिल थाना क्षेत्र के गंगा तट और पहाड़ पर बसा है मिर्जापुर बरदह गांव. जहां के लोग अमन पसंद थे और कृषि के साथ पापड़ व तिलौरी के निर्माण से जुड़ कर अपना जीवनयापन करते थे. यहां के नौजवान बड़ी संख्या में सेना और जिला बल में तैनात हैं. लेकिन धीरे-धीरे गांव में बेरोजगारी बढ़ी और लोगों ने गलत राह पकड़ लिया. कहा जाता है कि वर्ष 1978 से समाज के भटके कुछ लोगों ने पैसा कमाने के लिए अवैध हथियार कारोबार से जुड़ गये.
पहले देशी कट्टा बनाने का कारोबार यहां शुरू हुआ. समय के साथ ट्रैंड बदलता गया और एक नाली बंदूक, दोनाली बंदूक, मास्केट, रिवाल्वर बनाने में यहां के कारीगरों ने महारत हासिल कर लिया. फिर शुरू हुआ यहां कारबाईन, पिस्टल, राइफल बनाना शुरू हो गया. कम समय में अधिक आमदनी के चक्कर में लोग इससे जुड़ते चले गये. जिसमें बड़ी संख्या में महिला, बच्चे और युवा शामिल है.
आज इसकी तादाद भी अच्छी खासी हो गयी. जिसके कारण मिर्जापुर बरदह गांव हथियारों के मंडी के रूप में प्रसिद्ध हो गया. जब वर्ष 2018 में यहां एके-47 हथियार बरामद हुआ तो यह तय हो गया कि यह हथियार के बड़े कारोबार का अड्डा बन गया है. यहां बाहर से बड़ी संख्या में कारतूस लाकर उसका कारोबार किया जा रहा है.
वर्ष 2014 में हुआ था जनसंघर्ष समिति का गठन: हथियारों के बड़े कारोबार पर विराम लगाने और भटके हुए लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए तत्कालीन एएसपी संजय कुमार सिंह के पहल पर वर्ष 2014 में तत्कालीन एसपी ने जनसंघर्ष समिति का गठन किया था.
जब तक वे रहे तब तक समिति लगातार काम कर रही थी. अवैध हथियार बनाने वाले लोगों ने गांव को छोड़ दिया था. वे सभी दूसरे जगह शिफ्ट हो गये थे. लेकिन एएसपी के जाते ही जनसंघर्ष समिति का काम भी ठप हो गया. जिसके कारण गांव में अवैध हथियार तस्करी एवं निर्माण के धंधा एक बार पुन: स्पीड पकड़ लिया.
बरदह में जागरूकता कार्यक्रम करने का किया अनुरोध : मिर्जापुर बरदह के अमन पसंद एवं जन संघर्ष समिति के अधिवक्ता मो. जहांगीर के नेतृत्व में एक टीम ने एसपी लिपि सिंह से मुलाकात किया. सदस्यों ने कहा कि जनसंघर्ष समिति को एक्टिव करते हुए नये सिरे से उसमें सदस्यों को जोड़ा जाय.
साथ ही बरदह में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाय. गांव के युवाओं के साथ बैठक कर समाज के भटके लोगों को गलत कार्य से हटाते हुए अन्य रोजगार से जोड़ने का प्रयास किया जाय. सदस्यों ने कहा कि मिर्जापुर बरदह गांव के उर्दू मध्य विद्यालय मिर्जापुर को सरकार ने उत्मक्रमित करते हुए उच्च विद्यालय का दर्जा दिया है.
1 अप्रैल 2020 से नये सत्र का इस विद्यालय में पठन-पाठन शुरू हो जायेगा. सदस्यों ने एसपी से अनुरोध किया कि वे इस पहले सत्र का विद्यालय पहुंच कर उद्घाटन करें. प्रतिनिधि मंडल में मो. जियाउर रहमान, मो. सदरूद्दीन, मो. शाहीद हुसैन, मो. रिजवान सहित अन्य शामिल थे.
एके-47 की बरामदगी के कारण फिर बदनाम हो गया बरदह
मिर्जापुर बरदह गांव के इमरान को जमालपुर में 28 अगस्त 2018 को तीन एके-47 हथियार के साथ गिरफ्तार किया. बरदह गांव में जमीन के अंदर तो कुएं से एके-47 हथियार की बरामदगी की गयी. कुल 22 एके-47 हथियार और भारी मात्रा में पार्टस बरामद किया गया था. इस मामले में मिर्जापुर बरदह गांव के दर्जनों लोग जेल में बंद है. सैना का जवान नियाजुल भी जेल में बंद है.
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