मुंगेर : टीएच होमियोपैथिक कॉलेज पर एक बार पुन: बंदी का तलवार लटक गया है. आयुष मंत्रालय ने कॉलेज प्रशासन को पत्र लिख कर 26 अप्रैल तक जांच में मिले कमियों के संबंध में जवाब मांगा था. लेकिन कॉलेज प्रशासन ने 29 अप्रैल को मुंगेर लोकसभा का चुनाव बताते हुए आगे की तिथि जवाब देने के लिए मांगा. जिस पर आयुष मंत्रालय कड़ा रूख अख्तियार करते हुए कॉलेज के बंदी का निर्णय ले सकता है.
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टीएच होमियोपैथिक कॉलेज पर फिर लटक गयी बंदी की तलवार
मुंगेर : टीएच होमियोपैथिक कॉलेज पर एक बार पुन: बंदी का तलवार लटक गया है. आयुष मंत्रालय ने कॉलेज प्रशासन को पत्र लिख कर 26 अप्रैल तक जांच में मिले कमियों के संबंध में जवाब मांगा था. लेकिन कॉलेज प्रशासन ने 29 अप्रैल को मुंगेर लोकसभा का चुनाव बताते हुए आगे की तिथि जवाब देने […]
बताया जाता है कि पिछले दिनों आयुष मंत्रालय ने द टीएच होमियोपैथिक कॉलेज एवं अस्पताल का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान कॉलेज में काफी कमियां मिली थी. जिसे लेकर आयुष मंत्रालय द्वारा कॉलेज प्रशासन को अपना पक्ष रखने के लिए 26 अप्रैल तक जवाब देने को कहा था.
मंत्रालय ने कहा है कि क्यों नहीं आपके कॉलेज की मान्यता को रद्द किया जाये. पत्र मिलते ही कॉलेज प्रशासन में खलबली मच गयी. लेकिन आयुष मंत्रालय के पत्र के आलोक में कॉलेज प्रशासन ने अपना पक्ष रखने के बजाय मंत्रालय को चुनाव की दुहाई देते हुए पत्र लिखा.
जिसमें कहा गया कि 29 अप्रैल को मुंगेर लोकसभा में चुनाव होना है. मुंगेर होमियोपैथ कॉलेज के नोडल हेड जिला पदाधिकारी राजेश मीणा और शासी निकाय के अध्यक्ष सदर एसडीओ होते हैं. दोनों पदाधिकारी निर्वाचन के कार्य में व्यस्त हैं. इसलिए कॉलेज प्रबंधन को जवाब देने के लिए आगे की तिथि दी जाय.
निर्वाचन कार्य की व्यस्तता के कारण फिलहाल जवाब देना संभव नहीं है. इधर 26 अप्रैल को कॉलेज का पक्ष प्राप्त नहीं होने पर आयुष मंत्रालय ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. बताते चलें कि मानक पूरा नहीं करने के कारण बीते साल भी कॉलेज में नये नामांकन पर रोक लगा दी गई थी. ऐसे में एक बार फिर से नामांकन पर रोक लगाई जाती है या मान्यता को लेकर कोई प्रतिकूल निर्णय आता है तो होमियोपैथ कॉलेज का अस्तित्व खत्म हो जायेगा.
कहते हैं प्राचार्य
द टीएच होमियोपैथिक कॉलेज एवं अस्पताल मुंगेर के प्राचार्य डॉ. एके तिवारी ने कहा कि आयुष मंत्रालय की टीम ने निरीक्षण के दौरान कुछ कमियों को लेकर सवाल उठाया था. महाविद्यालय प्रशासन उन कमियों को दूर करने के लिए प्रयासरत है. हाइकोर्ट के आदेश पर डीएम को कॉलेज का नोडल हेड बनाया गया है. वहीं, सदर एसडीओ कॉलेज की शासी निकाय के अध्यक्ष होते हैं. निर्वाचन कार्य में व्यस्तता के कारण आयुष मंत्रालय से कॉलेज को पक्ष रखने के लिए अगली तिथि देने का अनुरोध किया है.
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