मुंगेर : तीज के मौके पर जिले में अबतक की यह दूसरी बड़ी घटना है. जिसकी पूरी कहानी बिलकुल एक जैसी है. मालूम हो कि 20 अगस्त 2001 में नयारामनगर थाना क्षेत्र के गढ़ीरामपुर गांव स्थित राय पोखर में तीज के ठीक एक दिन पूर्व दर्जनों महिलाएं स्नान करने गयी थी. राय पोखर में पूर्व […]
मुंगेर : तीज के मौके पर जिले में अबतक की यह दूसरी बड़ी घटना है. जिसकी पूरी कहानी बिलकुल एक जैसी है. मालूम हो कि 20 अगस्त 2001 में नयारामनगर थाना क्षेत्र के गढ़ीरामपुर गांव स्थित राय पोखर में तीज के ठीक एक दिन पूर्व दर्जनों महिलाएं स्नान करने गयी थी. राय पोखर में पूर्व ही जेसीबी से काफी गहरा गड्ढा खोदा गया था.
जिसकी जानकारी पुरुष वर्ग को तो था, किंतु महिलाएं इससे पूरी तरह अंजान थी. जिसके कारण गड्ढ़े के खतरे से अंजान एक महिला सहित पांच युवतियां बारी-बारी से गड्ढ़े के गहरे पानी में डूबती चली गयी और जब तक उसे बचाया जाता, तब तक पांचों की मौत हो चुकी थी. उस घटना से जिला प्रशासन ने शायद सीख नहीं ली. जिसके कारण हवेली खड़गपुर प्रखंड के गालिमपुर निचली बहिरा गांव के चौर में फिर से इसी तरह की घटना की पुनरावृत्ति हो गयी.
तीन युवकों की बहादुरी भी नहीं आयी काम
गांव के संजीव कुमार सिंह के 15 वर्षीय नवम कक्षा में अध्ययनरत पुत्र छोटू कुमार ने अपनी जान की परवाह किए बगैर तत्परता दिखाते हुए चौर के गहरे पानी से अनुराधा कुमारी एवं आरती कुमारी को बाहर निकाला. जबकी सत्यनारायण सिंह का पुत्र सुमित कुमार एवं बुच्ची राय का पुत्र कन्हैया कुमार ने मिलकर रितु कुमारी एवं प्रिया कुमारी को गड्ढ़े से बाहर निकाला. खुद अपनी जान की बाजी लगाकर गांव के तीन बालकों ने डूबी हुई बच्चियों को चौर के गहरे पानी से बाहर निकालने में जरा भी देर नहीं लगायी. लेकिन ईश्वर को शायद कुछ और ही मंजूर था.