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बरबाद हो गयी सड़क, फिर भी जल संकट

वीरेंद्र कुमार मुंगेर : गंगा की गोद में बसे मुंगेर में लोग पानी के लिए तरस रहे हैं. जल संकट मुंगेर के लिए सबसे बड़ी समस्या हो गयी है. इसके समाधान के लिए करोड़ों खर्च हुए. शहर की सड़क को खोद कर बरबाद कर दिया गया. फिर भी जल संकट जस की तस बरकरार है. […]

वीरेंद्र कुमार

मुंगेर : गंगा की गोद में बसे मुंगेर में लोग पानी के लिए तरस रहे हैं. जल संकट मुंगेर के लिए सबसे बड़ी समस्या हो गयी है. इसके समाधान के लिए करोड़ों खर्च हुए. शहर की सड़क को खोद कर बरबाद कर दिया गया. फिर भी जल संकट जस की तस बरकरार है.

शहरी क्षेत्र के लोग गंभीर जल संकट से जूझ रहे हैं. पानी के लिए लोगों को काफी जद्दोजहद करनी पर रही है. तब पीने लायक पानी का जुगाड़ कर पा रहे हैं. पानी की समस्या के निदान के लिए कई योजनाएं मुंगेर में आयी. कई तो फेल हो गयी और कई योजनाएं कछुआ गति से चल रही है. योजना पर राशि पानी की तरह बह रही है, लेकिन पानी की समस्या दूर नहीं हो पायी. सप्लाई वाटर पूरी तरह बंद है. शहरी क्षेत्र में अधिकांश समरसेबल लगने के कारण जेट और चापाकल ने दम तोड़ दिया है.

योजना हो गयी फेल

मुंगेर के तत्कालीन सांसद जयप्रकाश नारायण यादव संप्रग सरकार में जब केंद्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री बने तो मुंगेर के लोगों को लगा था कि पानी की समस्या अब दूर हो जायेगी. उन्होंने एक प्रयास भी किया और केंद्र से मुंगेर में जल संकट निदान के लिए एक टीम अपने साजो समान के साथ लाये थे. जिसने कस्तूरबा वाटर वर्क्‍स में डीप बोरिंग के सहारे मुंगेर का जल संकट दूर करने का प्रयास किया.

बताया जाता है कि एक डीप बोरिंग के माध्यम से 50 हजार गैलन पानी निकालने का लक्ष्य निर्धारण किया गया था. एक के बाद एक तीन जगहों पर डीप बोरिंग किया गया. जिस पर लाखों खर्च हुआ लेकिन एक भी डीप बोरिंग सफल नहीं हुआ. जिसके कारण यह योजना फेल हो गयी और केंद्रीय टीम बैरंग वापस लौट गयी.

नहीं मिल रहा एनओसी

पेयजलापूर्ति योजना के तहत कष्टहरणी घाट से कस्तूरबा तक पानी ले जाने के लिए पाईप बिछायी जानी है. लेकिन जिला प्रशासन ने कंपनी को कहा कि पहले कस्तूरबा वाटर वर्क्‍स में अपना सिविल स्ट्रर खड़ा करे. तब सड़क खोद कर पाईप बिछा सकते हैं. यही कारण है कि पीडब्लूडी ने एनओसी कंपनी को नहीं दिया.

चल रहा है काम

कस्तूरबा वाटर वर्क्‍स परिसर में जिंदल कंपनी द्वारा सिविल स्ट्रर का कार्य किया जा रहा है. जब तक वहां कार्य पूरा नहीं हो जाता तब तक कंपनी शहर की सड़कों को नहीं खोद सकेंगी.

बिगड़ी शहर की सूरत

कंपनी द्वारा शहर की सड़कों को खोद कर बर्बाद कर दिया गया. जल्दबाजी में कंपनी ने पाइप लाइन का कार्य भी जैसे-तैसे कर गढडा को भर दिया. शहर की सड़क ऐसा बर्बाद हुआ कि यातायात की समस्या उत्पन्न हो गयी. पानी के लिए शहर की सूरत तो बिगाड़ दिया गया लेकिन पानी की समस्या दूर नहीं हो पायी.

कहते हैं अधिकारी

पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता के के नारायण ने बताया कि कस्तूरबा वाटर वर्क्‍स परिसर में जिंदल कंपनी द्वारा सिविल स्ट्रर का कार्य किया जा रहा है. निर्धारित समय पर कार्य पुरा हो जाएगा.

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