असरगंज : सरकार ने असरगंज प्रखंड को ओडीएफ अर्थात पूर्ण रूप से खुले में शौचमुक्त घोषित कर दिया है. लेकिन यह घोषणा कागज पर ही दिख रही है. क्योंकि यहां के अधिकांश सरकारी विद्यालयों में शौचालय नहीं हैं और विद्यालय अवधि के दौरान शौच लगने पर बच्चों को खुले में ही शौच जाना पड़ता है. असरगंज के विद्यालय ओडीएफ प्रखंड की पोल खोल रही कि किस प्रकार अधिकारी कागज पर ही गांव, पंचायत व प्रखंड को ओडीएफ बनाने में लगे हैं.
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शौच के लिए खेत जाते हैं बच्चे
असरगंज : सरकार ने असरगंज प्रखंड को ओडीएफ अर्थात पूर्ण रूप से खुले में शौचमुक्त घोषित कर दिया है. लेकिन यह घोषणा कागज पर ही दिख रही है. क्योंकि यहां के अधिकांश सरकारी विद्यालयों में शौचालय नहीं हैं और विद्यालय अवधि के दौरान शौच लगने पर बच्चों को खुले में ही शौच जाना पड़ता है. […]
बुधवार को प्रभात खबर की टीम जब प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय मसूदनपुर का जायजा लिया तो वहां शौचालय नाम की कोई चीज नहीं थी. बच्चों को शौच के लिए खेत जाना पड़ता है. इस विद्यालय में नामांकित 104 बच्चे हैं. हद तो तब हो गयी बच्चों से शौचालय के संदर्भ में पूछा गया तो बच्चे अचंभित हो गये. उन्हें पता नहीं था कि आखिर शौचालय किसे कहते हैं. छात्र प्रियांशु, सीमा, अंकित शौचालय के संदर्भ में कुछ भी नहीं बता पाया. विद्यालय में मौजूद सहायक शिक्षिका आसमा परवीन ने बताया कि विद्यालय में शौचालय निर्माण नहीं हुआ है. जिसके कारण बच्चों को क्या, हम शिक्षकों को भी इसकी सजा भुगतनी पड़ रही है.
इधर शिक्षा विभाग के सूत्रों ने बताया कि एक वर्ष पूर्व असरगंज प्रखंड को ओडीएफ करने को लेकर आनन-फानन में सभी प्रभारी से सभी विद्यालयों में शौचालय होने की हस्ताक्षर करा ली गई थी. जबकि वास्तविक इससे इतर है. स्थानीय लोग भी इस बात को स्वीकार करते हैं कि कागज पर ही ओडीएफ घोषित कर दिया गया. जबकि आज भी सैकड़ों ऐसे परिवार हैं जो जिनके पास शौचालय नहीं है, खुले में शौच जाना उसकी मजबूरी है.
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