आयोजन. 130वीं जयंती पर याद किये गये िबहार के प्रथम मुख्यमंत्री
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डॉ श्रीकृष्ण सिंह ने रखी थी आधुनिक बिहार की नींव
आयोजन. 130वीं जयंती पर याद किये गये िबहार के प्रथम मुख्यमंत्री जयंती समारोह में मुंगेर में खुलने वाले विश्वविद्यालय का नाम डॉ श्रीकृष्ण सिंह विश्वविद्यालय रखने की मांग भी की गयी. मुंगेर : बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण सिंह की 130 वीं जयंती शनिवार को विभिन्न संगठनों द्वारा समारोहपूर्वक मनायी गयी. लोगों ने उनकी […]
जयंती समारोह में मुंगेर में खुलने वाले विश्वविद्यालय का नाम डॉ श्रीकृष्ण सिंह विश्वविद्यालय रखने की मांग भी की गयी.
मुंगेर : बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण सिंह की 130 वीं जयंती शनिवार को विभिन्न संगठनों द्वारा समारोहपूर्वक मनायी गयी. लोगों ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया और उनके बताये मार्गों पर चलने का संकल्प लिया. उनके जयंती पर मुंगेर में खुलने वाले विश्वविद्यालय का नाम डॉ श्रीकृष्ण सिंह विश्वविद्यालय रखने की भी मांग उठी. श्रीकृष्ण सेवा सदन पुस्तकालय में बिहार केशरी की जयंती धूमधाम से मनायी गयी. जिलाधिकारी उदय कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक आशीष भारती,
श्रीकृष्ण सेवा सदन के सचिव प्रो. प्रभात कुमार ने बिहार केशरी के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. जिलाधिकारी ने कहा कि श्रीबाबू लगभग आठ वर्षों तक आजादी की लड़ाई में जेल में रहे. वे आधुनिक बिहार की नींव रखी थी. प्रथम पंचवर्षीय योजना में उन्होंने कृषि पर विशेष ध्यान दिया. स्वतंत्र भारत में वे देश के प्रथम मुख्यमंत्री थे. जिन्होंने जमींदारी प्रथा को खत्म कराया. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि श्रीबाबू के अमूल्य योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता. प्रो. प्रभात कुमार ने कहा कि मुंगेर में बनने वाले नये विश्वविद्यालय का नाम डॉ श्रीकृष्ण सिंह रखा जाय. यह उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी. मौके पर सिविल सर्जन डॉ श्रीनाथ, जिला शिक्षा पदाधिकारी सुरेश प्रसाद सिंह, प्रो. सुधीर कुमार, प्रो. विद्या चौधरी, प्रो. शब्बीर हसन, नवल किशोर सिंह सहित अन्य मौजूद थे.
इधर जिला ब्रह्मर्षि समाज द्वारा कष्टहरणी घाट स्थित श्रीकृष्ण बाटिका में बिहार केशरी का जन्म दिवस मनाया. उसकी अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष डॉ विनोद कुमार सिंह ने की.
उपस्थित लोगों ने उनके प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया. वक्ताओं ने कहा कि डॉ श्रीकृष्ण सिंह समावेशी राजनीति के अग्रदूत थे. उनका पूरा जीवन सामजिक समरसता समन्वय को समर्पित थे. मौके पर अशोक शंकर सिंह, कृष्ण मोहन प्रसाद सिंह, नवल किशोर सिंह, राज किशोर, वीरेंद्र कुमार शर्मा, संजय कुमार सिंह सहित अन्य मौजूद थे. इधर जिला कांग्रेस मुख्यालय तिलक मैदान में जिलाध्यक्ष सौरभ निधि की अध्यक्षता में जयंती समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें कांग्रेसियों ने श्रीकृष्ण सिंह के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर नमन किया. जिलाध्यक्ष ने कहा कि आचार्य विनोबा भावे ने कहा था कि गरीबों के दुखों का जिक्र करते हुए श्री बाबू के आंखों में आंसू आ जाते थे. श्री बाबू कहते थे कि समाज में क्रांति भूख एवं प्यास से होती है. किंतु उससे भी बड़ी क्रांति तब होती है जब आदमी में अमन का भरोसा कम हो जाता है. मुंगेर का यह सौभाग्य है कि वे मुंगेर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे थे. इस मौके पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष राममोहन सिंह, अखिलेश सिंह, अकरम परवेज, चंदन कुमार, रंजीत यादव, साई शंकर, राणा वसंत कुमार, अनिल प्रसाद सिंह सहित अन्य मौजूद थे.
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