दहशत. हथियारबंद नक्सलियों का दस्ता पहुंचा जालकुंड
Advertisement
कारोबारियों को बनाया बंधक
दहशत. हथियारबंद नक्सलियों का दस्ता पहुंचा जालकुंड मंगलवार मध्य रात्रि की घटना एक ट्रैक्टर के लिए मांग 50 रुपये 20 हजार रुपये पर तय हुई बात एक ट्रैक्टरवाले ने घर से लाकर दिया रुपया दूसरे को समय देकर छोड़ा मुंगेर : खड़गपुर के जालकुंड में नकाबपोश नक्सलियों के हथियारबंद दस्ते ने मंगलवार की मध्य रात्रि […]
मंगलवार मध्य रात्रि की घटना
एक ट्रैक्टर के लिए मांग 50 रुपये
20 हजार रुपये पर तय हुई बात
एक ट्रैक्टरवाले ने घर से लाकर दिया रुपया
दूसरे को समय देकर छोड़ा
मुंगेर : खड़गपुर के जालकुंड में नकाबपोश नक्सलियों के हथियारबंद दस्ते ने मंगलवार की मध्य रात्रि अवैध खनन कारोबारियों को पीटा और बंधक बनाया. एक ट्रैक्टर चालक के घर से जहां पैसा मंगाया गया, वहीं दूसरे को समय दिया गया. बाद में दोनों को मुक्त कर दिया.
बताया जाता है कि मंगलवार की मध्य रात्रि में शामपुर वन क्षेत्र के जालकुंड पहाड़ पर दो ट्रैक्टर लगा हुआ था.
मजदूर, चालक, खननकर्ता और ट्रैक्टर मालिक मिला कर कुल 15 लोग वहां मौजूद थे. मजदूरों ने ट्रेलर में जैसे ही बोल्डर लादना शुरू किया, तभी 30-35 की संख्या में नकाबपोश हथियारबंद नक्सलियों का दस्ता वहां पहुंच गया. सभी को घेर लिया और अपने कब्जे में ले लिया.
ना-नुकुर करने वालों की हल्की पिटाई भी की. नक्सलियों ने कहा कि तुमलोगों को पता नहीं है कि हमलोग बाबा हैं और रात भर इसी जंगल में पहरा देते हैं. तुमलोगों को अवैध धंधे की छूट दे रखी है. मेरा हिस्सा दो. नकाबपोशों ने प्रति ट्रैक्टर 50 हजार देने को कहा. बाद में प्रति ट्रैक्टर 20 हजार पर मामला तय हुआ. नक्सलियों ने एक ट्रैक्टरवाले से घर से पैसा भी मंगवाया. जबकि दूसरे को एक दिन का समय देकर छोड़ा गया. सुबह होते ही इस घटना की खबर जंगल के आग की तरह पूरे इलाके में फैल गयी.
जबकि शामपुर थानाध्यक्ष ने कहा कि उन्हें ऐसी सूचना नहीं मिली है. कल शाम में भी उस इलाके में सघन पुलिस पेट्रोलिंग की गयी थी. इधर डीएसपी पोलस्त कुमार भी कुछ भी बताने से इनकार कर दिया.
फिलहाल अवैध खनन माफिया दहशत में हैं, वे चाह कर भी पुलिस को सूचना देने से बचते रहे. विदित हो कि वनक्षेत्र में अवैध खनन माफियाओं का एक सुसंगठित गिरोह वर्षों से अवैध पत्थर खनन में सक्रिय है. खनन किये गये पत्थर को रात भर ट्रैक्टर से लाद कर माफियाओं द्वारा गंतव्य तक पहुंचाया जाता है. प्रति सप्ताह लाखों की आमदनी वाले इस धंधे में कुशल प्रबंधन से सबको मिला कर चुप रखा जाता है. धड़ल्ले से चल रहे इस अवैध कारोबार में अब नक्सलियों ने भी अपने हिस्से की तलाश शुरू कर दी है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement