बरियारपुर : नक्सल प्रभावित इलाके के पहाड़ी व जंगली क्षेत्र तथा पहाड़ की तराई में बसे आदिवासी बाहुल्य गांवों में प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से महुआ शराब का निर्माण किया जा रहा है. जबकि उसका भंडारण, तस्करी व बिक्री भी बड़े पैमाने पर हो रहा है. पुलिस द्वारा जब भी छापेमारी की जाती है. तब वहां भारी मात्रा में शराब, जाबा महुआ बरामद होता है. पुलिस दर्जनों भट्ठियां तोड़ती है. लेकिन पुलिस के निकलते ही पुन: अवैध शराब का निर्माण प्रारंभ हो जाता है.
गुरुवार को बरियारपुर थानाध्यक्ष राकेश कुमार के नेतृत्व में पुलिस बलों द्वारा आदिवासी बाहुल्य उभ्भी वनवर्षा गांव एवं पहाड़ी क्षेत्रों में अवैध शराब निर्माण के खिलाफ विशेष अभियान चलाया गया. पुलिस द्वारा गांव में जहां घर-घर तलाशी ली गयी. वहीं पहाड़ी क्षेत्रों में सघन सर्च अभियान चलाया गया. घर में तो कुछ मिला नहीं. लेकिन गांव के बगल में पहाड़ी की तराई में कई जगहों पर प्लास्टिक के बोरे में महुआ बड़े-बड़े प्लास्टिक बोरे में महुआ तथा बड़े-बड़े प्लास्टिक के डिब्बे में शराब निर्माण के लिए महुआ फुलते हुए पाया गया. साथ ही कई भट्ठियां को भी ध्वस्त किया गया.