मधुबनी : डेंगू व चिकनगुनिया के मरीज अब जिले में भी पाये जाने लगें है. स्वास्थ्य विभाग ने इसकी रोकथाम की तैयारी की कवायद भी तेज कर दी गई है. भारत सरकार द्वारा डेंगू को सूचनीय बीमारी घोषित किया गया है. जिसके बाद डेंगू के मरीजों का उपचार यदि किसी निजी नर्सिंग होम या क्लिनीक में भी किया जाय तो इसकी सूचना हर हाल में सिविल सर्जन कार्यालय को देना होगा.
ताकि डेंगू से पीड़ित व्यक्ति की पहचान होने पर उस गांव में फाॅगिंग व निरोधात्मक कार्य किया जा सके. जिल मलेरिया पदाधिकारी डा. सीके सिंह बताते है कि डेंगू मरीज का शत प्रतिशत सही जांच केवल इलासाा टेक्निक से ही संभव है. यदि मरीज कीट के द्वारा स्क्रीनींग कराते भी है, तो उन्हें इलासा टेक्निक से जांच अवश्य करना चाहिए ताकि डेंगू के लक्षणों का सही पहचान किया जा सके. इलासा टेक्नीक सभी मेडिकल कॉलेज हास्पिटल में उपलब्ध है.