बलुआहा पुल के उदघाटन के बाद भी दरभंगा-पटना जाना नहीं होगा आसान
भेजा (मधुबनी): बलुआहा पुल के उदघाटन में दो दिन का समय रह गया है. 14 दिसंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा इसका उदघाटन किया जाना है. इधर, बलुआहा पुल होते दरभंगा व पटना की दूरी नापने व जोड़ने की चर्चा जोरों पर है. लोगों को लग रहा है कि पुल का उदघाटन होने के बाद इधर से होते दरभंगा या पटना सहित अन्य जगह जाना सुलभ हो जायेगा. लेकिन यह इतना आसान नहीं है. गंडौल के रास्ते भेजा वाया दरभंगा जाना भेजा फ्राय कर सकता है. एक तो बलुआहा गंडौल पथ पूरा नहीं हो पाया है.
पक्की सड़क बनाने में कम से कम चार से पांच माह का समय लगता निश्चित है. फिर गंडौल से भेजा तक का सफर इधर फिर से कभी न आने का संकल्प दिला सकता है. गंडौल से 24 किलोमीटर दूरी पर स्थित मधुबनी जिले के भेजा तक जाने का रास्ता पश्चिमी तटबंध पर से होकर है. पश्चिमी तटबंध के ऊंचीकरण का काम पिछले साल से बाधित है और निकट भविष्य में शुरू होने के आसार भी नहीं दिख रहे हैं. इस तटबंध पर पिछले साल ही मेटल बिछा कर छोड़ दिया गया था. ऐसे में सड़क की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है. उबड़-खाबड़, पथरीले व गड्ढे से भरी इस सड़क पर वाहन की अधिकतम गति सीमा 20 किलोमीटर प्रति घंटा की होती है. भेजा पहुंचने के बाद दो विकल्प है. भेजा से 34 किलोमीटर पश्चिम सिंगल वे की काम चलाऊ सड़क द्वारा दरभंगा जिले के विदेशर में फोर लेन पर चढ़ा जा सकता है अथवा भेजा से पश्चिमी तटबंध के मेटल भरे रास्ते से होकर ही आगे झंझारपुर तक और फिर फोर लेन से जाया जा सकता है. विदेशर से दरभंगा की दूरी 30 किलोमीटर है, जबकि झंझारपुर दरभंगा की दूरी 70 किलोमीटर है. यानी दोनों में कोई भी विकल्प चुनने पर भी ढ़ाई से तीन घंटे का समय लगेगा. सहरसा से गंडौल फिर भेजा वाया दरभंगा जाने में पांच घंटे से कम समय लगने की संभावना नहीं दिख रही. ऐसे में थोड़ा और इंतजार करना होगा. पश्चिमी तटबंध पर सड़क निर्माण हो जाने के बाद या फिर गंडौल से बिरौल तक पुल व सड़क मार्ग (जो निर्माणाधीन है) बन जाने के बाद दरभंगा या पटना सुलभ से जाया जा सकता है. गंडौल बिरौल पथ के बाद तो आप सचमुच फर्राटा भरते और कम समय में दरभंगा या पटना की दूरी तय कर सकते है.