मधुबनी : नये साल में एक ओर जहां विभिन्न विभागों द्वारा विभिन्न योजनाओं को संचालित कर लोगों को सुविधा प्रदान किये जाने की रणनीति बनायी जा रही है. वहीं नये साल में कई विभाग सख्ती भी बरतने वाली है. श्रम विभाग नये साल में बिना अनुज्ञप्ति के दुकान संचालन करने वाले पर सख्ती बरतने वाली है. इन विक्रेताओं के खिलाफ कानूनी डंडा चलाने वाला है. दरअसल जिला में मात्र 5608 दुकान निबंधित है. जिस कारण एक ओर जहां राजस्व का घाटा हो रहा है वहीं विभाग की भी फजीहत हो रही है.
5608 दुकान ही है निबंधित
श्रम विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार बिहार दुकान प्रतिष्ठान अधिनियम 1963 के तहत मात्र 5608 दुकान ही निबंधित है. आंकड़ों के अनुसार मुख्यालय का 2480 दुकान, झंझारपुर में 681, घोघरडीहा में 88, जयनगर में 1530, मधेपुर में 279, पंडौल में 196, राजनगर में 223 एवं सकरी का 133 प्रतिष्ठान निबंधित है. निबंधन के बिना दुकान चलाने वालों को दबोचने क लिए श्रम विभाग विशेष अभियान चलायेगा. श्रम अधीक्षक ने बताया है कि जनवरी तक सभी प्रतिष्ठानों को श्रम कार्यालय से निबंधन कराया होगा, जनवरी के प्रथम सप्ताह के बाद विशेष छापेमारी अभियान चलाया जायेगा.
श्रम संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार ने श्रम विभाग को प्राथमिकता के तौर पर जिले के गैर निबंधित दुकान-प्रतिष्ठान पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. सचिव के इस निर्देश के बाद श्रम विभाग ने विभिन्न क्षेत्रों में दंडाधिकारी के साथ छापेमारी अभियान चलाने की रणनीति बनायी है.
अभियान होगा दर्ज
जनवरी माह के प्रथम सप्ताह तक निबंधन नहीं कराने वाले प्रतिष्ठान दुकान के विरुद्ध श्रम विभाग मुख्य दंडाधिकारी के पास नियम 3 के तहत अभियोजन दायर कर देगी.
मजदूरों की हो रही हकमारी
गैर निबंधित दुकान प्रतिष्ठान के संचालन से राजस्व की क्षति के साथ ही मजदूरों की हकमारी हो रही है. श्रम अधीक्षक की माने तो विगत दिनों विभिन्न प्रतिष्ठानों पर छापेमारी के दौरान इस तथ्य का खुलासा हुआ कि गैर निबंधित प्रतिष्ठान पर काम करने वाले मजदूरों को सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी से भी कम मजदूरी दिया जा रहा है.
क्या कहते हैं अधिकारी
इस बाबत श्रम अधीक्षक रिपु सूदन मिश्र ने बताया कि जनवरी के प्रथम सप्ताह के बार गैर निबंधित प्रतिष्ठान के खिलाफ अधिनियम के तहत कार्रवाई की जायेगी.