धरना-प्रदर्शन . टीइटी को लेकर लगातार बढ़ता जा रहा है विरोध
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एआइएसएफ ने निकाला अर्थी जुलूस
धरना-प्रदर्शन . टीइटी को लेकर लगातार बढ़ता जा रहा है विरोध जिला मुख्यालय में विभिन्न बीएड कॉलेज के छात्रों ने बैठक कर सरकार के टीइटी के फैसले का विरोध किया. मधेपुरा : टीइटी को लेकर लगातार विरोध बढ़ता जा रहा है. सत्र 2016-18 के बीएड के छात्रों ने एआईएसएफ के नेतृत्व में आंदोलन का बिगूल […]
जिला मुख्यालय में विभिन्न बीएड कॉलेज के छात्रों ने बैठक कर सरकार के टीइटी के फैसले का विरोध किया.
मधेपुरा : टीइटी को लेकर लगातार विरोध बढ़ता जा रहा है. सत्र 2016-18 के बीएड के छात्रों ने एआईएसएफ के नेतृत्व में आंदोलन का बिगूल फूंक दिया है. जिला मुख्यालय में विभिन्न बीएड कॉलेज के छात्रों ने बैठक कर सरकार के टीइटी के संबंध में फैसले का विरोध किया. बीएड के वर्तमान सत्र के छात्रों ने कहा कि आगे होने वाले टीईटी में उन्हें भी मौका मिले. छात्रों ने अपना आक्रोश व्यक्त करते हुये कहा कि सरकार युवाओं के भविष्य को लेकर सजग नहीं है.
कॉलेज चौक से छात्रों ने एआईएसएफ के नेतृत्व में शिक्षामंत्री का अर्थी जुलूस निकाला और बीपी मंडल चौक पर अर्थी को आग के हवाले कर दिया. अर्थी जुलूस के बाद कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे एआइएसएफ के संयुक्त राज्य सचिव सह विवि प्रभारी हर्ष वर्द्धन सिंह राठौर ने कहा कि टीईटी एक लंबे अंतराल के बाद होता है.
इसके बाद एआइएसएफ नेता हर्ष वर्द्धन सिंह राठौर, चंदन, मनोज, सौरभ, हिमांशु ने डीएम मो सोहैल से मिलकर मुख्यमंत्री के नाम एक मांगपत्र सौंपा. बीएड के छात्रों के साथ हुयी बैठक में छात्रनेताओं ने निर्णय लिया कि मांग पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा. आंदोलन में दिवाकर, चंदन, शिवकेशरी, अमरेश, आलोक, अभिराज आनंद, मनोज, मो शमीम, प्रवीण, चंद्रभूषण, कुलदीप, मनीष, रणधीर सहित दर्जनों छात्र मौजूद थे.
आरपार की लड़ाई लड़ेंगे नियोजित शिक्षक : बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ की बैठक महासंघ कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू की अध्यक्षता में आयोजित की गयी. जिसमें संघीय पदाधिकारियों की उपस्थित में बैठक में समान काम समान वेतन को लेकर होने वाली 17 अप्रैल से हड़ताल पर विशद चर्चा हुई. विभिन्न जिलों से आये संघीय पदाधिकारियों ने प्रस्तावित हड़ताल का पुरजोर समर्थन करते हुए आगामी 17 अप्रैल से सुबे के सभी 74 हजार विद्यालयों में पूर्ण तालाबंदी का संकल्प लिया.
साथ ही चरणबद्ध आंदोलन की रूपरेखा भी तैयार की गयी. जिसके तहत 17 अप्रैल को सभी जिला मुख्यालयों पर शिक्षक सत्याग्रह, 18 अप्रैल को सभी प्रखंड मुख्यालयों पर मशाल जुलूस एवं 19 अप्रैल से राज्य के सभी विद्यालयों में पूर्णरूपेण तालाबंदी कर समान काम समान वेतन की प्राप्ति तक हड़ताल में डटे रहने का निर्णय लिया गया. प्रदीप कुमार पप्पू ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के आलोक में समान काम का समान वेतन सूबे के सभी नियोजित शिक्षकों एवं पुस्तकालयध्यक्षों का अधिकार है.बैठक को संबोधित करते करने वाले मुख्य वक्ताओं में महासचिव राकेश कुमार, कोषाध्यक्ष अनवार करीम, उपाध्यक्ष शंभु यादव, नरेश शास्त्री, विपिन प्रसाद शामिल थे.
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