मधेपुरा : बुधवार को देर रात हुई बारिश से लोगों को गर्मी से राहत मिली, लेकिन बारिश ने शहर का हुलिया बिगाड़ कर रख दिया है. इसको लेकर लोगों की चिंताएं बढ़ गयी है. बारिश के कारण शहर के कूडा, गंदी नालियों और जलजमाव ने शहर का बेरा गर्क कर दिया है. छोटा शहर आबादी कम, फिर भी गंदगी से पटी सड़क नप की पहचान बन गयी है.
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बारिश से गर्मी से मिली राहत, सड़कें हुई कीचड़मय
मधेपुरा : बुधवार को देर रात हुई बारिश से लोगों को गर्मी से राहत मिली, लेकिन बारिश ने शहर का हुलिया बिगाड़ कर रख दिया है. इसको लेकर लोगों की चिंताएं बढ़ गयी है. बारिश के कारण शहर के कूडा, गंदी नालियों और जलजमाव ने शहर का बेरा गर्क कर दिया है. छोटा शहर आबादी […]
पूरा शहर गंदगी से पटा है, शहर का शायद ही कोई इलाका गली, चौराहा, बाजार व सड़क है, जो गंदगी व कूड़ा करकट से पटा नहीं है. लोग घरों का कूड़ा-कचरा सड़क पर डाल रहे है. इस वजह से शहर में गंदगी का फैलाव लगातार बढ़ रहा है. बारिश होने के कारण कचरा सड़कों पर आ जाता है. जिससे सड़क किनारे बसे घरों में सड़क की गंदगी पहुंच जाती है.
गली मुहल्ले तक जगह -जगह पानी से कीचड़ मय हुआ सड़क : लोग परेशानी से जूझ रहे है नालियों का गंदा पानी सड़क पर बह के आ जा रहा है, लेकिन नगर परिषद के कानों में इस बात की जु तक नही रेंग रही है. मधेपुरा के रेलवे स्टेशन से लेकर सुभाष चौक, थाना चौक, कर्पूरी चौक, व बस स्टैंड तक की स्तिथि दयनीय है. यहां तक की शहर के मेन रोड एनएच 106 की ये दुर्दशा है की पैदल लोग सड़क के इसपार से उसपार जाना मुश्किल हो गया है.
नियमित नहीं होती है नाला सफाई : नगर परिषद की ओर से नियमित रूप से नालों की सफाई नहीं होने से पूरा कचरा नाला में भर गया है. नाले का गंदा पानी सड़क पर फैल रहा है.
इससे आवागमन में लोगों को दिक्कतें आ रही है. नालों की सफाई नहीं होने से बारिश के समय पानी की निकासी नहीं हो पाती है. स्थानीय दुकानदारों व राहगीरों को दिक्कते हो रही है. सड़क किनारे छोटे-बड़े दुकान लगाने वाले दुकानदार अपनी दुकान बंद करने पर मजबूर हैं. कुल मिलाकर पूरे शहर के चौक-चौराहों पर कचरा फैला हुआ है.
गर्मी का तेवर बढ़ने के साथ बढ़ने लगे मच्छर : जैसे गर्मी के तेवर बढ़ रहे हैं. वैसे मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है. शहर में रह रहे लोग इनके आतंक से परेशान हैं.
रात में हल्की ठंड के साथ बारिश व दिन में तेज धूप ऐसे मौसम में जहां अपच व डायरिया जैसे रोग पनपते हैं. वहीं मलेरिया व वायरल फीवर भी लोगों को सताता है. यदि मच्छरों का प्रकोप अगर इसी तरह बढ़ता रहा तो संक्रामक रोग लोगों को अपनी चपेट में ले सकते हैं.
धान की फसल को मिली संजीवनी
उदाकिशुनगंज. उदाकिशुनगंज अनुमंडल क्षेत्र में गुरुवार को हुई बारिश ने आमलोगों को जहां तेज गर्मी से राहत मिली. वहीं धान की खेती करने वाले किसानों के लिए बारिश राहत बनकर बरसी है. इसके चलते किसानों के चेहरे खुशी से खिल उठे हैं. किसानों का मानना है कि धान की फसल के लिए बारिश भी जरूरी होती है.
इस बारिश से धान की फसल को फायदा पहुंचा है. किसानों को गर्मी और बिना बरसात के जहां अपनी धान की फसल के लिए पानी की समस्या आये दिन हो रही थी. किसान विनोद मेहता, इम्तियाज आलम, राजेश शर्मा, बरुन कुमार, बेचन सिंह, आसीन आलम, भूमि शर्मा, निजाम उद्दीन, फैयाज आलम, प्रमोद पासवान आदि ने बताया कि बारिश से धान किसानों को सिंचाई से फिलहाल छुटकारा मिला है.
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