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घुट-घुट कर रोज मरने से बेहतर है, सब साथ मर जायें

मधेपुरा : अपराधियों से तबाह एक परिवार ने एसपी को पत्र भेज कर आतंक से मुक्ति दिलाने या फिर आत्मदाह की इजाजत मांगी है. अपराधियों के आपराधिक कृत्यों की लंबी फेहरिस्त संलग्न करते हुए गांव के ही एथलेटिक्स कोच शंभु कुमार ने लिखा है कि विगत कई वर्षों से भूमि हड़पने की नीयत से कभी […]

मधेपुरा : अपराधियों से तबाह एक परिवार ने एसपी को पत्र भेज कर आतंक से मुक्ति दिलाने या फिर आत्मदाह की इजाजत मांगी है. अपराधियों के आपराधिक कृत्यों की लंबी फेहरिस्त संलग्न करते हुए गांव के ही एथलेटिक्स कोच शंभु कुमार ने लिखा है कि विगत कई वर्षों से भूमि हड़पने की नीयत से कभी रास्ते पर तो कभी घर में जान मारने के लिए हमला किया गया. विगत दिनों 27 दिसंबर को शंभु पर भीषण हमला हुआ. उसके सिर में तीर मारा गया. अभी शंभू पटना में इलाजरत हैं,

तो उसके परिवार के बाकी लोग घर पर आतंक के साये में जी रहे हैं. पूरे परिवार को घुट-घुट कर रोज जीते-मरते देख आखिरकार शंभु ने एसपी समेत तमाम अधिकारियों व मुख्यमंत्री समेत तमाम जनप्रतिनिधियों को स्पीड पोस्ट के माध्यम से पत्र लिख कर आत्मदाह की अनुमति मांगी है. पत्र में लिखा गया है कि रोज-रोज मरने से बेहतर है कि एक बार में मौत मिले. शंभू के परिवार में लगभग 35 लोग शामिल हैं.

सदर प्रखंड के साहुगढ़ गांव निवासी एथलेटिक्स कोच शंभु कुमार और उनके परिवार ने एसपी सहित डीजीपी और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आतंक से निजात दिलाने अथवा सामूहिक आत्मदाह की अनुमति मांगी
यह पत्र अभी तक मुझ तक नहीं पहुंचा है. हालांकि कोच शंभु कुमार का भूमि विवाद लंबे समय से चल रहा है. उनके साथ हुई आपराधिक घटना के मामले में प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है. पत्र मिलने पर बाकी बिंदु को देखा जायेगा. पुलिस प्रशासन हमेशा निष्पक्षता के साथ न्याय के लिए कार्य करती है. इसमें किसी किस्म की कोताही नहीं होगी.
विकास कुमार, एसपी, मधेपुरा.

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