कुमारखंड : पाकिस्तान से आयी गीता को अपनी बेटी बताने का दावा करने वाले ने डीएनए जांच के लिए गृह मंत्रालय भारत सरकार से गुहार लगाया है. इसे लेकर श्रीनगर थाना के रामनगर बाजार में सिलाई का काम करने वाले मो इसा पिता स्वर्गीय मो इस्लाम ग्राम मिर्जापुर थाना मढ़ौरा जिला सारण (छपरा) ने गृह (बिशंष) विभाग, बिहार सरकार के समक्ष विभिन्न समाचार पत्र व चैनलों द्वारा प्रसारित समाचार तथा विज्ञापन के आधार पर पाकिस्तान से लायी गयी मुक्त बधिर गीता को खोई हुई बेटी जुबैदा होने का दावा किया था.
उन्होंने कहा था कि जुबैदा 1996 में बाजार घुमने गयी, जहां से वह अभी तक हीं लौट पायी है. तब से हम सभी लोग उसे तलाश रहे हैं. इसी दौरान मीडिया में आयी खबरों के माध्यम में मुझे इसकी जानकारी मिली तब हमने उसे बेटी जुबैदा होने का दावा किया था. इसके आधार गृह मंत्रालय द्वारा मेरे तथा मेरे परिवार के सदस्यों का भौतिक सत्यापन किया गया था. इसके बाद डीएनएन जांच की बात कही गयी थी, लेकिन विभाग इस मामले को विभाग ने ठंठे बस्ते में डाल दिया है.
इसी को लेकर उन्होंने गृह मंत्रालय (विदेश प्रभाग) भारत सरकार के अवर सचिव बीबी आरमूर्ति को पत्र लिखकर कहा है कि सरकार जब गीता के संबंधियों के डीएनए जांच कराने की बात कही थी , तो फिर चुप क्यों हो गयी. हम और हमारे तमाम संबंधि डीएनए जांच के लिए तैयार है. बुढ़ी आंखें खोई बेटी जुबैदा को देखने के लिए तरस रही है. गौरतलब है कि गत आठ अगस्त 2016 को प्रभात खबर ने ईसा व जुलेखा के दाबे के आधार पर खबर छापी थी.
कोसी से एक व दंपती ने किया गीता पर दावा. पाकिस्तान से गीता को लौटे महीनों बीत चुके है़ं कोसी क्षेत्र के मो ईशा उर्फ युसूफ व जुलेखा ने पाकिस्तान से लायी गयी गीता पर दावा किया है़ इनका कहना है कि गीता उनकी सबसे छोटी बेटी रूबेदा है, जो वर्ष-1996 में छपरा जिले के मढौरा थाना अंतर्गत मिरजापुर गांव से एक बरात देखने के लिए निकलने के बाद लापता हो गयी थी़ इस दंपती ने अपनी बात पत्रकारों के बीच रखते हुए कहा कि बस एक बार या तो गीता से मिला दिया जाये या फिर डीएनए टेस्ट करा लिया जाये तो सारा दूध-का-दूध, पानी-का-पानी हो जायेगा़ मो ईशा ने कहा कि मूलत: वे लोग छपरा जिले के मिर्जापुर के निवासी हैं, लेकिन सुपौल के जदिया के पास मोहर्रमपुर में भी अपना घर है़ 1996 में मिर्जापुर से ही रूबैदा लापता हो गयी थी़ सात भाई-बहनों में सबसे छोटी जुबैदा जन्म से ही गूंगी व बहरी थी़, लेकिन वह काफी जहीन थी़ उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के ट्वीट से गीता के बारे में उसके शरीर के चिह्न, गांव-घर की भौगोलिक स्थिति जानने के बाद उनके एक परिचित ने इस बारे में बताया़ तब से वे भटक रहे हैं, लेकिन न तो उनका डीएनए मिलान किया जाता है और न ही गीता से मिलने दिया जाता है़ गीता ने जो अपने गांव की पहचान बतायी है वह सब मिर्जापुर में है़ रेल लाइन, तालाब, मंदिर आदि सब निशान उस गांव के ही है़ सांसद रंजीत रंजन और पप्पू यादव को आवेदन देकर अपनी फरियाद लगा चुके है़ उनके द्वारा गीता से मिलाने और डीएनए जांच करवाने का आश्वासन भी मिला है, लेकिन एक वर्ष से ज्यादा बीतने पर उनका धैर्य जवाब दे रहा है.