लखीसराय : राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मानेदय पर कार्यरत आंगनबाड़ी सेविका/सहायिका, साक्षरता या विशेष शिक्षा परियोजना केंद्रों में कार्यरत अनुदेशक, नगर परिषद या पंचायत के अधीन मानदेय या अनुबंध पर कार्यरत शिक्षा मित्र, न्याय मित्र, विकास मित्र या अन्य कर्मी, दलपति चुनाव नहीं लड़ सकते हैं और न ही प्रस्तावक व समर्थक बन सकते हैं. केंद्र या राज्य सरकार और किसी भी स्थानीय प्राधिकार से पूर्णत: या आंशिक वित्तीय सहायता प्राप्त करने वाले शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक संस्थाओं में कार्यरत, पदस्थापित, प्रतिनियुक्त पदाधिकारी, शिक्षक, प्रोफेसर,
शिक्षकेतर कर्मचारी आदि भी चुनाव नहीं लड़ सकेंगे और न ही प्रस्तावक व समर्थक बन सकेंगे. होमगार्ड भी इसमें शामिल हैं. जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम सुनील कुमार द्वारा नामांकन के लिए जारी निर्देश के अनुसार सरकारी वकील जो सरकार द्वारा प्रतिधारण शुल्क पर नियुक्त होते हैं. सहायक लोक अभियोजक वेतन भोगी सरकारी सेवक हैं. ये लोग अभ्यर्थी, प्रस्तावक या समर्थक नहीं बनेंगे. लेकिन सेवानिवृत्त सरकारी सेवक, जन वितरण प्रणाली के अनुज्ञप्तिधारी विक्रेता, कमीशन के आधार पर काम करने वाले अभिकर्ता, अकार्यरत होमगार्ड प्रस्तावक या समर्थक बन सकते हैं. साथ ही सहायक सरकारी अधिवक्ता (एजीपी) एवं अपर लोक अभियोजन (एपीपी) जो केवल शुल्क पर नियुक्त किये जाते हैं नगरपालिका निर्वाचन के लिए अभ्यर्थी बन सकते हैं. डीएम द्वारा स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि प्रस्तावक या समर्थक के लिए भी वही अर्हता होगी जो अभ्यर्थी के लिए हैं.