एड्स पीड़ित लोग छुआछूत व भेदभाव के कारण गुमनामी की जिंदगी जीने को विवश हैं. इस रोग से प्रभावित कई लोगाें के सामने नहीं आने से उन्हें सरकार द्वारा संचालित योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
लखीसराय : केंद्र व राज्य सरकार के लाख प्रयास के बावजूद एड्स पीड़ित रोगियों की संख्या लखीसराय जिला में बढ़ती जा रही है. सदर अस्पताल लखीसराय मे कार्यरत एचआइवी/एड्स जांच व परामर्श केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार एड्स संक्रमित रोगियों की संख्या 527 तक जा पहुंची है.
जबकि अक्तूबर 2003 से कार्यरत इस परामर्श केंद्र में कुल 1 लाख 9 हजार 653 महिला पुरुषों की जांच की गयी है. जिसमें जिले के बड़हिया, हलसी व सूर्यगढ़ा प्रखंड में कार्यरत एड्स जांच केंद्रों में पहुंचे लोग भी शामिल हैं. एचआइवी/एड्स के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अरविंद कुमार राय के अनुसार 1 लाख 24 हजार 834 लोगों को परामर्श देकर जागरूक किया गया है, जिसमें 44 हजार 934 पुरुष व 79 हजार 900 महिला शामिल हैं. जांच के लिए पहुंचे 1 लाख 9 हजार 653 में 37 हजार 521 पुरुष व 72 हजार 132 महिला शामिल हैं. इस जांच के दौरान अब तक 297 पुरुष व 230 महिला सहित कुल 527 एड्स पीड़ित सामने आये हैं.
संक्रमित परिवार के लिए इस जिला में दो तरह की कल्याणकारी योजना चल रहा है. जिसमें परवरिश योजना के साथ जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग के माध्यम से बिहार शताब्दी एड्स पीड़ित कल्याण योजना शामिल हैं.
परवरिश योजना के तहत संक्रमित परिवार के 18 वर्ष से कम उम्र वालों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों का 900 रुपया प्रतिमाह व 6 वर्ष से उपर व 18 वर्ष से कम उम्र वाले को 1 हजार रुपया प्रतिमाह आर्थिक सहायता पहुंचाने का प्रावधान है. इस परवरिश योजना के तहत कुल 162 आवेदकों में से 97 बच्चे के माता पिता को लाभांवित किया जा रहा है. जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग के द्वारा इस संक्रमित रोग से पीड़ित व मॉडल एआरटी सेंटर से दवा सेवन करने वाले के 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए 1500 रुपया दिये जाने का प्रावधान है.
जो नोडल एआरटी सेंटर के प्रक्रियाधीन होता है. इस योजना के तहत अब तक कुल 64 आवेदकों में से 28 संक्रमितों को अनुदान मिल रहा है. इस तरह इन दोनों योजना से मात्र 236 संक्रमित रोग से पीड़ित लोग ही जुड़ पाये हैं. जबकि प्राप्त आंकड़ा के अनुसार एचआइवी एड्स पीड़ितों की संख्या कुल 527 हैं.