लखीसराय : महंगाई ने आम लोगों की कमर तोड़ दी है. प्याज, अरहर दाल के बाद अब सरसों तेल की कीमत तेजी से बढ़ रही है. प्याज कई महीने तक 60-70 रुपये प्रति किलो तक बिकने के बाद अब 40-45 रुपये प्रति किलो बिक रही है. तमाम प्रयासों के बाद अरहर दाल की कीमत 190 रुपये से गिर कर 160-170 रुपये प्रति किलो पर अटका पड़ा है.
लेकिन स्थानीय बाजारों में अरहर दाल अभी भी 180 रुपये प्रति किलो बिक रही है. अब बाजार में सरसों तेल की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है. बाजार पर किसी का नियंत्रण नहीं है.भाजपा को केंद्र में भारी बहुमत से सत्ता में वाला आम आदमी को न हंसते बन रहा है और न रोते. सरसों तेल की अच्छी क्वालिटी की कीमत दुर्गा पूजा के पहले 105 रुपये प्रति लीटर था. वहीं अब 130-140 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है.
लोग इस बढ़ती महंगाई का मुख्य कारण जमाखोरी मान रहे हैं. इस कारण लोगों का आक्रोश केंद्र वराज्य सरकार के खिलाफ बढ़ता जा रहा है. भाजपा ने आम लोगों को अच्छे दिन का सपना दिखाया था, लेकिन इसके बदले आम आदमी को ऐसे दिन देखने होंगे इसकी कल्पना भी नहीं की गयी थी. सरसों तेल के बारे में खुदरा व्यवसायियों का कहना है कि खुदरा बाजार में उन्हें सरसों तेल 120 रुपये प्रति लीटर खरीदना पड़ रहा है. ऐसे में वे क्या कर सकते हैं.
खाद्यान्न कीमतअरहर दाल 180 रुपये प्रति किलोचना दाल 70-72 रुपये प्रति किलोमूंग दाल 140 रुपये प्रति किलोमसूर दाल 90 रुपये प्रति किलोउरद दाल 140 रुपये प्रति किलोसरसों तेल (चेतक) 130 रुपये प्रति लीटरकहते हैं व्यवसायीकिराना व्यवसायी अमित कुमार के अनुसार दाल की कीमत बढ़ने के कारण इसकी बिक्री में कमी आयी है.
सरसों तेल की कीमत भी निरंतर बढ़ रही है. हमलोग जिस कीमत पर सामान खरीद कर लाते हैं, उसी के आधार पर बेचते हैं.व्यवसायी दिवेश कुमार के मुताबिक तेल का पुराना स्टॉक है इसलिए अभी 120 रुपये प्रति लीटर में बेच रहे हैं. जबकि वर्तमान में थोक में ही तेल का भाव 120 रुपये लीटर हो गया है. जो व्यापारी नया माल उठा रहे हैं.
उसे 125 से 135 रुपये लीटर में तेल बेचना पड़ रहा है. व्यवसायी प्रमोद साव के मुताबिक अरहर दाल की कीमत में मामूली गिरावट आयी है. लेकिन इसका असर अभी स्थानीय बाजार में नहीं दिख रहा है. व्यवसायी पुराने रेट में ही दाल की बिक्री कर रहे हैं. पिछले सप्ताह सरसों तेल की कीमत में भी काफी तेजी आयी है.
व्यवसायी रंजीत राय के मुताबिक जब से दाल की कीमत बढ़ी है. इसकी बिक्री भी कम हो गया है. अब सरसों तेल की कीमत भी इसी रफ्तार से बढ़ रहा है. इससे व्यवसायी वर्ग मे भी असमंजस है. माल के स्टॉक के बाद कीमत गिरने पर व्यवसायी को नुकसान होने का अंदेशा सता रहा है.