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दोनों अपहृतसकुशल पहुंचे घर

झाझा: बीते सात मई को थाना क्षेत्र से अपहृत रेलवे कर्मचारी का पुत्र बुढ़नेर निवासी दिनेश कुमार यादव व चिल्लीटांड़ बलियो निवासी मो जमारुद्दीन अंसारी को झाझा थाना की पुलिस ने सकुशल बरामद कर लिया है. अपहृत रेलवे कर्मचारी के पुत्र दिनेश के संबंध में एसडीपीओ सयाराम गुप्ता ने बताया कि करहरा के एक दोस्त […]

झाझा: बीते सात मई को थाना क्षेत्र से अपहृत रेलवे कर्मचारी का पुत्र बुढ़नेर निवासी दिनेश कुमार यादव व चिल्लीटांड़ बलियो निवासी मो जमारुद्दीन अंसारी को झाझा थाना की पुलिस ने सकुशल बरामद कर लिया है.

अपहृत रेलवे कर्मचारी के पुत्र दिनेश के संबंध में एसडीपीओ सयाराम गुप्ता ने बताया कि करहरा के एक दोस्त ने इसे खाना पर बुलाया था तथा खाना खाने के पश्चात वह घर के लिए चला था. तभी रेलवे स्टेशन के पूर्वी भाग अवस्थित भारत गैस के पास एक ऑटो पर सवार नकाबपोश तथा हथियार से लैस अपराधियों ने ओवरटेक कर रोक लिया तथा उसकी तलाशी लेते हुए जबरदस्ती ऑटो पर बैठा कर हाथ पीछे की ओर करके बांध दिया तथा आंख पर पट्टी बांध कर ले जाने लगा. इसी बीच उसका दोस्त जितेन्द्र भाग गया. पुलिस द्वारा दिनेश के दोस्त जितेंद्र के परिवार वालों से पूछताछ कर दबाब बनाने पर उसे मुक्त कर दिया गया है.

अपहृत दिनेश ने बताया कि करीब आधा घंटा तक ऑटो के चलने के बाद एक जगह पर ऑटो रुकी और सभी अपराधी मुङो ऑटो से ऊतार कर पैदल चलने लगा. सुनसान जगह पर रुक कर मारपीट करते हुए नाम-पता पूछा. अपराधियों ने रात मेरे समक्ष ही घर वालों को फोन कर 15 लाख रुपया फिरौती की मांग किया था. रात भर एक कमरा में बंद रखने के बाद अहले सुबह दो व्यक्ति मुङो मोटरसाइकिल पर बैठा कर कुम्हैनी डैम के समीप ला कर आंख की पट्टी खोल कर बोला सीधे निकल जाओ. तत्पश्चात मैं अपना घर पहुंचा. एसडीपीओ श्री गुप्ता ने बताया कि पुलिस की दबिश से अपराधियों ने दिनेश को छोड़ दिया.

जुआ खेलने के लिए जमारुद्दीन ने लिया था पैसा
वहीं मो जमारुद्दीन के बरामदगी के संबंध में झाझा एसडीपीओ ने बताया कि मो जमारुद्दीन को जुआ खेलने का आदत था तथा जुआ खेलने के लिए झाझा बाजार के कई लोगों से ब्याज पर पैसा ले रखा था. जमारुद्दीन प्रत्येक माह ब्याज के रुप में 20 से 25 हजार चुकाता था. बढ़ते ब्याज के पैसे को इधर लौटाने में असमर्थ था. इसलिए जमारुद्दीन ने अपहरण का एक नाटक रचा ताकि उसके परिवार के सदस्य फिरौती के रूप में पैसे दे और अपना कर्ज चुकता कर सके. जिसे इसने (जमारुद्दीन ) स्वीकार किया है. उसने बताया कि सात मई को मैं घर से खाना खाकर निकला तथा रेलवे स्टैंड पर बाइक लगा कर पटना-धनबाद इंटरसिटी एक्सप्रेस पकड़ कर धनबाद चला गया. वहां स्टेशन के बगल में हार्डवेयर का दुकान चलाने वाले धमना निवासी विनोद गोस्वामी के यहां ठहरा था. इस दौरान अपने परिवार वालों से की मांग ही फिरौती की मांग कर रहा था. दूसरे दिन सड़क मार्ग से होते हुए चकाई पहुंचा फिर बटिया आकर पेड़ के नीचे सो गया. वहां से पुलिस ने हमें उठाकर झाझा थाना ले आयी. साथ ही बताया कि बढ़ते कर्ज के बोझ से मेरा दिमाग काम नहीं कर रहा है.

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