लखीसराय: राज्य सरकार सूबे के अस्पतालों में मरीजों को सुविधा प्रदान करने के लिए तरह-तरह की योजना चला रही है. अस्पताल में रोगियों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार ने आइजीइएमएस संस्था के माध्यम से सूबे के सभी सदर अस्पतालों व कुछ अन्य अस्पतालों में एक्स-रे मशीन लगाया.
ताकि मरीजों को एक्स-रे कराने के लिए भटकना न पड़े. अपनी राशि खर्च नहीं करनी पड़े. लेकिन बेहतर प्रबंधन व सामंजस्य के अभाव में इन सुविधाओं का बेहतर लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा है. लखीसराय सदर अस्पताल में अस्पताल प्रशासन द्वारा 18 महीने से एक्स-रे संचालक को उनकी बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया है. इस वजह से पहली जनवरी से रोगियों को एक्स-रे सुविधा उपलब्ध नहीं हो रही है.
जानकारी के अनुसार, संचालक धर्मेद्र कुमार ने पिछले 28 अक्तूबर को ही आइजीइएमएस पटना के प्रबंधक को पत्र लिख कर अस्पताल प्रशासन द्वारा 16 महीनों का लगभग 22 लाख रुपया भुगतान नहीं करने की बात कही थी. साथ ही नवंबर महीने से एक्स-रे मशीन बंद करने की बात भी बतायी थी. पत्र में संचालक ने कहा था कि इस बारे में अगस्त से ही लगातार जानकारी दे रहे हैं.
इसके बाद आइजीइएमएस पटना ने एक नवंबर 14 को सदर अस्पताल लखीसराय के उपाधीक्षक सहित सिविल सजर्न, जिलाधिकारी लखीसराय, राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार के कार्यपालक निदेशक तथा स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिख कर 16 महीनों के 22 लाख रुपये भुगतान के लिए जल्द से जल्द आवश्यक कार्रवाई करने की बात कही थी. ताकि रोगियों को यह सेवा निर्बाध मिलती रहे. इसके बावजूद दिसंबर तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गयी. इसके बाद संचालक ने पहली जनवरी से एक्स-रे मशीन कक्ष में ताला लगा कर यह सेवा बंद कर दी है.