किशनगंज : ह्यूमन ट्रैफिकिंग एवं बाल मजदूरी रोकने के लिए संबंधित विभाग द्वारा दावे तो बहुत किये जाते है सक्रियता दर्शाने के लिए गाहे बगाहे जिले से बाहर ले जाये जा रहे बच्चों का रेस्क्यू भी करते है. परंतु उनके नाक के नीचे बस स्टैंड में हो रही बाल मजदूरी से या तो बेखबर है या जानबूझ कर बेखबर बने हुए है. दिन तो दिन रात में भी बस मालिकों द्वारा नाबालिग बच्चों से काम करवाया जाता है. छोटे छोटे मासूम हाथ जिसमें किताबे या खिलौना होना चाहिए था उसके जगह उनके हाथों बस साफ करने के लिए ब्रश थमा दिया जाता है.
दिन भर कचड़ा एवं गंदगी में चले बस को छोटे छोटे बच्चे नंगे हाथों से साफ करते है. हाथों से गंदगी साफ करने के कारण उन्हें कभी भी संक्रमण की बीमारी हो सकती है. कम मजदूरी में अपना काम निकालने के चक्कर में बस मालिक बच्चों के जान के साथ खिलवाड़ कर रहे है. वहीं काम के बदले बच्चों को जो भी मजदूरी मिलती है उससे नादानी में वे जुआ एवं नशे में खर्च करते है.बाल मजदूरी रोकने एवं भटके बच्चों को सही राह पर लाने के कई स्वयं सेवी संस्था कार्यरत है.
लेकिन एक आध स्वयं सेवी संस्था को छोड़ कर बांकी सभी संस्थाएं सिर्फ कागज पर ही चलती है. इस बाबत श्रम अधीक्षक श्याम सुंदर प्रसाद ने कहा कि लगातार विभाग द्वारा छापेमारी की जा रही है. बाल मजदूरों से काम कराने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी.