ठाकुरगंज(किशनगंज) : विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आते आते चुनावी चर्चाएं जोर पकड़ने लगी. चौपालों पर हो या चाय दुकानों पर जहां चार आदमी जुटते हैं.
वहीं चुनाव में खड़े उम्मीदवारों से लेकर नतीजों तक की भविष्यवाणी की जा रही है. पिछले चुनाव में उम्मीदवारों को मिले वोट और इस चुनाव के समीकरण जितनी मुंह उतने दावे हो रही है. इन्हीं चुनावी चर्चाओं में सबसे ज्यादा जोर विभिन्न पार्टियों के उम्मीदवारों पर है.
बताते चले कि 1951 से लेकर ठाकुरगंज विधानसभा के लिए अब तक हुए 13 चुनाव में बाजी दलीय प्रत्याशियों ने ही मारी है. हालांकि अब तक के दो चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी सीधी टक्कर में रहे, लेकिन जीत इनसे दूर ही रही. आंकड़े यदि देखे तो 1951 के पहले चुनाव में कांग्रेस के अनाथ कांत बसु ने निर्दलीय कलीमुद्दीन को पराजित किया.
वहीं 1956 में बिहार बंगाल बंटवारे के बाद 1967 के चुनाव में अस्तित्तव में आयी ठाकुरगंज विधानसभा में कांग्रेस के मो हुसैन आजाद ने जीत दर्ज की.
इसके बाद के 1969, 1972-1980-1985 में भी मो हुसैन आजाद ने जीत दर्ज की. इन पांचों चुनाव में कभी उनके सामने प्रजातांत्रिक सोशलिस्ट पार्टी तो कभी भारतीय जनसंघ तो कभी जनता पार्टी रही. वहीं 1977 व 1990 में जनता पार्टी एवं जनता दल से चुनाव जीतने वाले मो सुलेमान के सामने भी कांग्रेस ही रही. 1995 में भाजपा के सिकंदर सिंह ने कांग्रेस उम्मीदवार को मात दी.
इसके बाद के तीन चुनाव में निर्दलीय सीधे मुकाबले में तो छोड़ दीजिये दूर दूर तक नजर नहीं आये. 2005 फरवरी के चुनाव में कांग्रेस ने समाजवादी तो 2005 नवंबर के चुनाव में समाजवादी ने कांग्रेस प्रत्याशी को पराजित किया. वहीं 2010 के चुनाव में लोजपा प्रत्याशी ने जदयू प्रत्याशी को पराजित कर जीत हासिल की.