उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित कर सीमांचल के सभी जिलों में इन पांच वर्षो के दौरान बने सड़क पुल पुलिया की जांच की मांग की है. मो तस्लीमुद्दीन ने कहा कि ग्रामीण कार्य विभाग पीडब्लूडी आरईओ वन एवं टू आदि विभागों से मुख्यमंत्री सड़क हो या प्रधानमंत्री सड़क इन सड़कों के निर्माण के लिये विभागीय पदाधिकारी एवं कर्मी एवं संवेदक की गठजोड़ से वास्तविक लागत की कई गुणा अधिक राशि का प्राक्कलन तैयार किया जाता है. इसके बावजूद घटिया एवं निम्न स्तर का निर्माण कर करोड़ों अरबों रुपये का वारा न्यारा किया जा रहा है. श्री तसलीम ने कहा कि सड़क व पुल निर्माण में स्थानीय बालू तथा अन्य घटिया सामग्री का धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है.
निर्धारित मानक के अनुरूप सामग्री प्रयुक्त न होने से आम जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा बर्बाद हो रहा है और सड़क निर्माण के कुछ ही समय बाद जजर्र व गड्ढे में तब्दील हो जाती है. सड़क, पुल-पुलिया के निर्माण के कुछ ही समय बाद सड़क के जजर्र होने पर जिम्मेवारी तय की जानी चाहिए तथा दोषी विभागीय पदाधिकारी व संवेदक के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए. लूट की छूट किसी को नहीं मिलनी चाहिए. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने मेंटेनेंस की राशि के भी बंदरबांट एवं दुरूपयोग का मामला उठाते हुए कहा कि मेंटेनेंश के नाम पर करोड़ों रुपये का घोटाला हो रहा है. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि यदि सड़कों एवं पुलों का मेंटेनेंस होता, तो क्या वे जजर्र रहते. उन्होंने उक्त पहलुओं पर उच्च स्तरीय जांच एवं दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अगर ईमानदारी से जांच हो तो बड़े घोटाले का पर्दाफाश होगा एवं कई पदाधिकारी व संवेदक की संलिप्तता सामने आयेगी.