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शिकायत व सुझाव पर वित्त विभाग हुआ गंभीर
वित्त सचिव ने पांच विभागों को कार्रवाई के लिए लिखा पत्र भ्रष्टाचार से जुड़ा है सभी मामला खगड़िया : बिहार का वर्ष 17-18 का बजट कैसा हो तथा इस प्रदेश का विकास तेजी से कैसे हो इसको लेकर कुछ सप्ताह पूर्व ही राज्य सरकार ने राज्य के लोगों से सुझाव मांगा था. वित्त विभाग ने […]
वित्त सचिव ने पांच विभागों को कार्रवाई के लिए लिखा पत्र
भ्रष्टाचार से जुड़ा है सभी मामला
खगड़िया : बिहार का वर्ष 17-18 का बजट कैसा हो तथा इस प्रदेश का विकास तेजी से कैसे हो इसको लेकर कुछ सप्ताह पूर्व ही राज्य सरकार ने राज्य के लोगों से सुझाव मांगा था. वित्त विभाग ने बकायदा विज्ञापन निकालकर बिहार के विकास व अगले वर्ष के बजट को आम लोगों को राय देने को कहा था. इसी कड़ी में जिले के सामाजिक व आरटीआइ कार्यकर्ता ने वित्त विभाग को एक शिकायत के साथ-साथ सुझाव दिया था. इस सुझाव को वित्त विभाग ने गंभीरता से लिया है. वित्त विभाग में पद स्थापित अपर सचिव ओम प्रकाश झा ने यह जानकारी दी है.
उक्त सामाजिक व आरटीआइ कार्यकर्ता की शिकायत व सुझाव पर पांच विभागों के प्रधान सचिव व सचिव को पत्र लिखकर कार्रवाई करने को कहा गया है. चूंकि शिकायतकर्ता ने आधे दर्जन विभाग से जुडे मामले की शिकायत की थी. इसीलिए इनसे संबंधित विभागों को वित्त विभाग के द्वारा पत्र लिखकर कार्रवाई करने को कहा है.
क्या था सुझाव व शिकायत : राज्य के अन्य जिलों के साथ-साथ खगड़िया जिलों में एसएफसी में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले, निलाम पत्र शाखा में 45 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली लंबित रहने, सोलर लाइट में गड़बड़ी करने वालों से वसूली नहीं हो पाने, सर्व शिक्षा अभियान के तहत भवन निर्माण की राशि की वसूली एचएम से नहीं होने सहित स्कोर फंड की राशि व ऊर्जा विभाग में करीब डेढ़ अरब रुपये के गबन के मामले में वसूली में तेजी लाने को लेकर वित्त विभाग के प्रधान सचिव से शिकायत की गयी थी. साथ में यह सुझाव भी दिया गया था कि उक्त विभाग मे हुए गबन की राशि की वसूली हो जाय तो निश्चित ही बिहार का बजट अच्छा बनेंगा और इस राशि से बिहार का विकास होगा. 31 दिसंबर 2016 को वित्त विभाग के पास इन सभी मामलों से संबंधित शिकायत व सुझाव भेजी गयी थी. तथा शिकायत व सुझाव पहुंचने के साथ ही वित्त विभाग ने 20 जनवरी को एक साथ खाद्य व उपभोक्ता संरक्षण विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, शिक्षा विभाग, ऊर्जा विभाग व मद्य निबंधन उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव व प्रधान सचिव को पत्र जारी कर दिया.
इन विभागों को पत्र लिखे जाने की सूचना वित्त विभाग के अपर सचिव ने दी है.उल्लेखनीय है सोलर लाइट मामले में करीब दो करोड़ की वसूली के लिए सर्टिफिकेट केस दर्ज कराया गया है. इसके अलावा अन्य बकायेदारों पर भी करोडों का बकाया है, लेकिन वसूली की स्थिति अच्छी नहीं है. जबकि विद्यालय भवन निर्माण की भी बड़ी राशि विद्यालयों के एचएम के पास फंसी हुई है. आवेदक ने विभाग को यह जानकारी दी है कि ऊर्जा विभाग में हुए करोड़ों रुपये के गबन के मामले में मुजफ्फरपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई है, लेकिन राशि वसूली नहीं हो पायी है. एसएफसी का भी वहीं हाल है. अगर यह राशि वसूल हो जाय तो विकास के साथ साथ वित्तीय वर्ष 17-18 का बजट भी बढ़िया तैयार होगा.
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