आपदा के बाद. जगह-जगह पसरा है कीचड़, लगा है कचरे का अंबार
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पानी घटा, अब चारों ओर गंदगी
आपदा के बाद. जगह-जगह पसरा है कीचड़, लगा है कचरे का अंबार गंगा-गंडक का जलस्तर घटने और बाढ़ का प्रकोप कम होने के बाद अब प्रभावित इलाकों में मुसीबतों के साथ ही गंदगी और संक्रामक बीमारियों की बाढ़ आ गयी है. ये बातें बाढ़ प्रभावित क्षेत्र परबत्ता प्रखंड के मुरादपुर और बिशनपुर में राहत सामग्री […]
गंगा-गंडक का जलस्तर घटने और बाढ़ का प्रकोप कम होने के बाद अब प्रभावित इलाकों में मुसीबतों के साथ ही गंदगी और संक्रामक बीमारियों की बाढ़ आ गयी है. ये बातें बाढ़ प्रभावित क्षेत्र परबत्ता प्रखंड के मुरादपुर और बिशनपुर में राहत सामग्री वितरण के दौरान विधायक प्रत्याशी रामानुज चौधरी ने कही.
गोगरी : विधायक ने कहा कि लोग सढ़ांध बदबू से परेशान हैं. पानी घटने के बाद भी राहत शिविरों में दिन- रात गुजार रहे हैं. घर जाने से डर रहे हैं. क्योंकि चारों तरफ जहां गंदगी का ढेर लगा है, वहीं पूरा इलाका बजबजा रहा है. साथ ही मच्छरों व कीड़ों की वजह से संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है. नगर पंचायत के साथ ही प्रखंड के स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावित इलाकों में कर्मचारियों की फौज उतार रखी है, लेकिन पूरी टीम केवल चंद इलाकों तक ही सिमट कर रह गयी है.
कराह रहा है मुरादपुर: परबत्ता प्रखंड के साथ ही अन्य विभागों की ओर से राहत न मिलने का सबसे अधिक शिकार मुरादपुर का पिछड़ा व कछारी इलाका है, जो इस समय जलजमाव, गंदगी के साथ ही संक्रामक बीमारियों की मार से कराह रहा है. विसनपुर के कुछ हिस्सों में तो अधिकारियों व कर्मचारियों की टीम पहुंची है. लेकिन मुरादपुर, विसनपुर, नयागांव का पिछड़ा इलाका के साथ ही लगार की ओर जाने वाले इलाके व गंगा नदी के आस- पास के एरिया में अभी भी हजारों लोग बाढ़ की त्रासदी झेल रहे हैं.
बीमार होने के लिए घर जाएं क्या
रानू देवी ने कहा कि अधिकारी कह रहे हैं कि पानी घट गया है, अपने घर चले जाएं. लेकिन अधिकारी ये बताएं कि हम अपने घर क्या बीमार होने के लिए जाएं, जहां चारों तरफ गंदगी बजबजा रही है और कचरे का ढेर लगा है.वहीं विजय लक्ष्मी ने कहा कि जब तक व्यवस्था पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाती. पूरा इलाका पूरी तरह से साफ नहीं हो जाता है. गंदगी खत्म नहीं हो जाती है, तब तक हम प्रभावित इलाकों में नहीं जाएंगे. यहां पर कम से कम चैन की सांस तो ले पा रहे हैं.
वहीं इकबाल ने कहा कि चर्चित इलाकों तक ही केवल सफाई व्यवस्था व राहत कार्य शिविर है.हमारे गोगरी के दर्जनों इलाके अभी भी गंदगी से बजबजा रहे हैं. जहां न तो नगर पंचायत के सफाई कर्मचारियों की टीम पहुंची है और न ही स्वास्थ्य विभाग की टीम.
गोगरी व परबत्ता प्रखंड के प्रभावित इलाकों में नहीं पहुंची सफाई की टीम
युद्ध स्तर पर नहीं हो रहा काम
गोगरी प्रखंड के रामपुर, गोगरी, बौरना के साथ ही अन्य मोहल्लों के लोग भी पानी कम होने के बाद भी राहत शिविरों में ही पड़े हुए हैं. क्योंकि गंदगी के कारण घर जाने से डर रहे हैं. लोगों का कहना है कि जब तक व्यवस्था पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाती. तब तक घर नहीं जाएंगे.
सफाई में लगी है कर्मचारियों की फौज: एक तरफ जहां विधायक प्रत्याशी रामानुज चौधरी के साथ पब्लिक की शिकायत है कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में सफाई नहीं हो रही है. व्यवस्था बदहाल है.वहीं नगर पंचायत गोगरी का दावा है कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में कर्मचारियों की फौज लगाई गयी है. जो दिन रात सफाई के साथ ही कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कर रहे हैं. वहीं आठ- आठ कर्मचारियों की टीम बनाकर सफाई में लगाई गयी है.
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