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डीएम के आदेश पर जांच शुरू

गड़बड़ी. परबत्ता बीडीओ के कारनामे की जांच रिपोर्ट फाइलों में गुम परबत्ता में फसल क्षति मुआवजा वितरण में धांधली की वर्ष 2015 में भी डीएओ व एसडीओ ने जांच कर रिपोर्ट डीएम को सौंपी थी. जिसमें परबत्ता बीडीओ की भूमिका पर सवाल उठाये गये थे. इधर, एक बार फिर 25 प्रतिशत कमीशन मांगने का मामला […]

गड़बड़ी. परबत्ता बीडीओ के कारनामे की जांच रिपोर्ट फाइलों में गुम

परबत्ता में फसल क्षति मुआवजा वितरण में धांधली की वर्ष 2015 में भी डीएओ व एसडीओ ने जांच कर रिपोर्ट डीएम को सौंपी थी. जिसमें परबत्ता बीडीओ की भूमिका पर सवाल उठाये गये थे. इधर, एक बार फिर 25 प्रतिशत कमीशन मांगने का मामला डीएम तक पहुंचने के बाद फसल क्षति मुआवजा प्रकरण गरम हो गया है. एक बार फिर डीएम जय सिंह द्वारा परबत्ता प्रखंड के प्रभारी पदाधिकारी को जांच का आदेश दिया गया है.
खगड़िया : पहले जिला कृषि पदाधिकारी फिर गोगरी अनुमंडल पदाधिकारी की जांच रिपोर्ट फसल क्षति मुआवजा वितरण में धांधली सामने आने के बाद भी परबत्ता बीडीओ पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पायी है. दोनों अधिकारियों की जांच रिपोर्ट आये चार महीना से अधिक समय बीत जाने के बाद कार्रवाई नहीं होने से प्रशासनिक कार्यशैली पर कई सवाल उठ खड़े हुए हैं. बताया जाता है कि परदे के पीछे खेल के सहारे जांच रिपोर्ट को दबा दिया गया. जिसमें परबत्ता बीडीओ की भूमिका पर कई सवाल उठाये गये थे. कहा जाता है
कि उस वक्त कार्रवाई नहीं होने का नतीजा है कि एक बार फिर फसल क्षति मुआवजा देने के एवज में 25 प्रतिशत कमीशन मांगने का मामला सामने आया है. परबत्ता के लगार निवासी किसान अश्वनी कुमार की शिकायत डीएम दरबार में पहुंचने के बाद फिर एक बार फिर फसल क्षति मुआवजा प्रकरण गरमाने की उम्मीद है. इधर, प्रभात खबर में पूरे प्रकरण में खुलासा करती खबर प्रकाशित होने के बाद मंगलवार को परबत्ता प्रखंड कार्यालय में दिन भर गहमागहमी बनी रही. चर्चा का बाजार गरम है. इधर, डीएम के आदेश पर परबत्ता प्रखंड प्रभारी पदाधिकारी वासुदेव कश्यप ने जांच शुरू कर दी है.
मुआवजा राशि वितरण में किसी भी प्रकार की धांधली के आरोप बेबुनियाद हैं. किसानों से कमीशन मांगने के आरोप में कोई सच्चाई नहीं है. कुछ लाभुकों के बैंक खाता में गड़बड़ी के कारण भुगतान नहीं हो पाया है. जल्द ही सभी किसानों के खाते में मुआवजा राशि भेज दी जायेगी.
डॉ कुंदन, बीडीओ, परबत्ता
क्या है मामला
वर्ष 2015 में वर्षा तथा ओलावृष्टि से प्रखंड में व्यापक फसल क्षति हुई थी. इस क्षति का मुआवजा देने के लिये सरकार द्वारा प्रखंड को तीन करोड़ 95 लाख रुपये आवंटित किया गया. राशि वितरण के लिये कृषि विभाग के कर्मियों द्वारा क्षति का आकलन का सर्वेक्षण किया गया था. इस आकलन में जो रिपोर्ट सौंपी गयी उसमें प्रखंड कार्यालय में हेराफेरी कर मिलने वाले रकम को घटा कर आधा कर दिया गया. लगार निवारी अंजनी यादव को 20,656 रुपयों की क्षति होने का अनुमान किया गया था. इस राशि को प्रखंड कार्यालय द्वारा भी स्वीकृत कर अभिश्रव तैयार कर लिया गया. लेकिन बैंक जाते जाते इस राशि को काटकर 12,5 55 रुपये कर दिया गया. इस तरह की गड़बड़ी की लिस्ट काफी लंबी है. जिसमें बीडीओ की भूमिका संदिग्ध है.
… मामला दबाने के पीछे क्या है राज
डीएओ व गोगरी एसडीओ की जांच रिपोर्ट में बीडीओ सहित प्रखंड कार्यालय की भूमिका संदिग्ध
जांच रिपोर्ट के आधार पर अब तक नहीं हुई कोई कार्रवाई
सैकड़ों किसानों की फसल क्षति सर्वे रिपोर्ट में भी गड़बड़ी, रजिस्ट्रर में ओवरराइटिंग कह रहे गोलमाल की कहानी
बीडीओ के इशारे पर कई किसानों की फसल क्षति की सर्वे रिपोर्ट में हेराफेरी कर मुआवजे की राशि कर दी गयी आधी
अधिकारी के मेल से ओवरराइटिंग का खेल
फसल क्षति मुआवजा के लिये किये गये सर्वे में दी गयी रिपोर्ट में भी छेड़छाड़ पर पहले भी बवाल मच चुका है. डीएम के आदेश पर अनुमंडल पदाधिकारी गोगरी के द्वारा की गयी जांच में यह बात प्रमाणित हो गया है कि प्रखंड प्रशासन के पदाधिकारी या कर्मियों के द्वारा दुर्भावना से ग्रस्त होकर फसल क्षति के सर्वे रिपोर्ट में हेराफेरी कर किसानों की हकमारी की गयी है. एसडीओ द्वारा डीएम को भेजे प्रतिवेदन में प्रथम दृष्टया प्रखंड विकास पदाधिकारी डॉ कुंदन को इस मामले में दोषी माना गया है. एसडीओ के पत्रांक 562 दिनांक 09 मार्च 2016 के अनुसार किसान अंजनी यादव को फसल क्षति मुआवजा के भुगतान के अभिश्रव में ओवरराईटिंग कर कटिंग की गयी है. कटिंग करने वाले की हस्तलिपि प्रथम दृष्टया प्रखंड विकास पदाधिकारी की प्रतीत होने की बात कही गयी. डीएम के निर्देश पर एसडीओ द्वारा की गयी जांच के दौरान प्रखंड के सभी कर्मियों तथा पदाधिकारी के हस्तलिपि का नमूना लिया गया. पता चला कि प्रखंड में जिस लिपिक छोटेलाल पासवान को यह अभिलेख आधिकारिक रुप से दिया गया था उसके बजाय किसी दूसरे व्यक्ति ने संधारित किया है. कहा जाता है कि अभिश्रव पर कटिंग, ओवरराईटिंग कथित तौर पर बीडीओ ने खुद किया है. हालांकि बीडीओ डॉ कुंदन ने सभी आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है.

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