खगड़िया : जिले के एक फरियादी की शिकायत पर उप राष्ट्रपति के कार्यालय ने संज्ञान लिया है. मुख्य सचिव को पत्र लिखा है कि पुलिस से न्याय नहीं मिलने के बाद मथुरापुर पंचायत के शेखपुरा निवासी बिनोद मंडल ने राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति सहित कई वरीय पदाधिकारी को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी थी. बीते […]
खगड़िया : जिले के एक फरियादी की शिकायत पर उप राष्ट्रपति के कार्यालय ने संज्ञान लिया है. मुख्य सचिव को पत्र लिखा है कि पुलिस से न्याय नहीं मिलने के बाद मथुरापुर पंचायत के शेखपुरा निवासी बिनोद मंडल ने राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति सहित कई वरीय पदाधिकारी को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी थी. बीते 16 अप्रैल को इनके द्वारा दिये गये आवेदन पर उप राष्ट्रपति के कार्यालय ने कार्रवाई करते हुये मुख्य सचिव को पत्र लिखा था.
जिस पर मुख्य सचिव ने सामान्य प्रशासन विभाग को तथा इस विभाग के अवर सचिव राजकिशोर प्रसाद ने गृह विभाग को पत्र लिखकर शिकायतकर्ता की शिकायत की जांच कर कार्रवाई करने को कहा था. सूत्र के मुताबिक कई विभागों से गुजरते हुये ये आवेदन अब डीएम व एसपी के पास भेजे गये है. गृह विशेष शाखा में पदस्थापित विमलेश कुमार झा ने डीएम व एसपी को पत्र लिखकर शिकायतकर्ता की शिकायत पर कार्रवाई करने को कहा है.
धमकी के बाद परेशान होकर छोड़ना पड़ा घर
राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति सहित आधे दर्जन अधिकारियों को पत्र लिखकर शिकायतकर्ता श्री मंडल ने न्याय की गुहार लगाई थी. दिये आवेदन में उन्होंने कहा कि उन्हें धमकी दी जा रही है. लेकिन पुलिस इनकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं कर रही है. मजदूर होकर आखिरकार उन्हें अपना घर छोड़ना पड़ा है. वर्तमान में ये सुरक्षा के मद्देनजर जिला मुख्यालय में अपने परिवार के साथ रह रहे है.
एक वर्ष पुराना है मामला
इधर दूरभाष पर शिकायतकर्ता बिनोद मंडल ने बताया कि उन्हें पिछले वर्ष ही एक अज्ञात नंबर से बर्बाद करने की धमकी मिली थी. जिसकी शिकायत उन्होंने थानाध्यक्ष, तत्कालीन पुलिस अधीक्षक आदि से की थी. उन्होंने पुलिस पदाधिकारियों से एक फरवरी 2015 को ही शिकायत की थी. जिस पर कार्रवाई नहीं होने के बाद उन्होंने आरटीआई के तहत इसकी सूचना, पुलिस अधीक्षक कार्यालय से मांगी थी.
सूचना नहीं मिलने पर उन्होंने प्रथम अपील डीआईजी मुंगेर के समक्ष तथा द्वितीय अपील राज्य सूचना आयोग में की थी. उन्होंने बताया कि उन्हें खतरा है. लेकिन उनकी शिकायत को सुना नहीं जा रहा था. मजबूर होकर उन्हें अपना घर छोड़ना पड़ा. अंत में उन्होंने राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति सहित कई वरीय अधिकारियों से न्याय की गुहार लगायी.