गोगरी : गरमी की तपिश ने पेयजल संकट को बढ़ा दिया है. गरमी ऐसी की लोगों के हलख सूखने लगे हैं. भूगर्भ जलस्तर के नीचे चले जाने के कारण चापकलों ने भी पानी उगलना बंद कर दिया है. ऐसे में इलाज के लिए रेफरल अस्पताल गोगरी आने वाले मरीजों का भी बुरा हाल है. शहर के गोगरी रेफरल अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीज पानी के लिए भटकते नजर आते है. इस अस्पताल में प्रतिदिन 200-250 मरीज इलाज के लिए आते हैं.
शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में मरीज यहां इलाज के लिए आते है. इतनी ज्यादा संख्या में आने वाले मरीजों की प्यास मात्र एक चापकल से बुझती है. इस अस्पताल में मरीजों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए तीन चापाकल लगाये गये है. लेकिन तीन चापाकल में से दो चापाकल खराब पड़े हैं.
मात्र एक चापाकल ही पानी देता है. मरीजों के लिए यही एक चापाकल इस गरमी के मौसम में तारणहार बना हुआ है. अगर वह भी पानी देना बंद कर दे, तो फिर कहने की जरूरत नहीं कि यहां आने वाले मरीजों का क्या होगा? अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि चापाकल के खराब होने की शिकायत संबंधित विभाग से की गई थी.कुछ दिन पूर्व मिस्त्री ने आकर चापाकल का मरम्मत किया. लेकिन फिर खराब हो गया और पानी नहीं आ रहा है. इसको लेकर फिर से संबंधित विभाग को कहा गया है. चिकित्सकों ने बताया कि अस्पताल का अपना एक बोरिंग कार्य कर रहा है.
जिससे अस्पताल के विभिन्न वार्डो में पाइप के सहारे पानी पहुंचाया जा रहा है. वार्ड में भरती मरीजों के लिए इन्हीं पाइप लाइनों से पानी उपलब्ध कराया जाता है. अस्पताल के मुख्य गेट के पास आरओ लगा हुआ है. लेकिन वह भी कई दिनों से खराब पड़ा हुआ है. इसमें न तो पानी ठंडा होता है न ही फिल्टर ही काम करता है. ऐसे में मरीजों को आरओ का पानी तो दूर चापानल के पानी के लिए भी भटकना पड़ रहा है.