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फर्जी पैथोलॉजी का बोर्ड उतारा, गोरखधंधा जारी संचालक पर कार्रवाई से विभाग क्यों कतरा रहा ? फर्जी पैथोलॉजी संचालक के सांठगांठ से अलौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ आरएन चौधरी लाख इनकार कर लें लेकिन परदे के पीछे का काला सच पूरी कहानी बयां करने के लिये काफी है. दोनों के बीच पक रही खिचड़ी […]

फर्जी पैथोलॉजी का बोर्ड उतारा, गोरखधंधा जारी

संचालक पर कार्रवाई से विभाग क्यों कतरा रहा ?
फर्जी पैथोलॉजी संचालक के सांठगांठ से अलौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ आरएन चौधरी लाख इनकार कर लें लेकिन परदे के पीछे का काला सच पूरी कहानी बयां करने के लिये काफी है. दोनों के बीच पक रही खिचड़ी का वीडियो वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की हो रही किरकिरी के बीच शनिवार की सुबह निर्मला जांच घर का बोर्ड उतार लिये जाने की खबर है.
लेकिन बोर्ड उतार कर पैथोलॉजिकल जांच के नाम पर गोरखधंधा जारी है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर फरजी पैथोलॉजी संचालक पर कड़ी कार्रवाई से विभाग क्यों कतरा रहा है?
प्रभात
इंपैक्ट
प्रभात खबर में फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद गरदन फंसता देख निर्मला जांच घर के संचालक ने उतारा पैथोलॉजी का बोर्ड
पीएचसी प्रभारी व पैथोलॉजी संचालक के बीच सांठगांठ की वीडियो वायरल होने के बाद विभाग की हो रही किरकिरी
थाइरोकेयर के नाम पर फर्जीवाड़ा कर बिना लाइसेंस के खोले गये जांच घर में मरीजों से हो रही धोखाधड़ी
खगड़िया : आखिरकार अलौली में संचालित निर्मला जांच घर का बोर्ड उतार लिया गया है. मामला अलौली पीएचसी के समीप थाइरोकेयर के नाम पर फर्जीवाड़ा कर निर्मला जांच घर में काले कारोबार से जुड़ा हुआ है. सरकारी नियम कायदे को ताक पर रख कर बिना किसी डिग्री के ही पीएचसी के समीप वर्षों से संचालन होना स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली की पोल खोलने के लिये काफी है.
बिना किसी लाइसेंस के संचालित इस जांच घर पर स्वास्थ्य विभाग खासकर पीएचसी प्रभारी डॉ आरएन चौधरी की मेहरबानी की चर्चा जोरों पर है. पूरे प्रकरण का खुलासा प्रभात खबर में होने के बाद गरदन फंसते देख शनिवार की सुबह निर्मला जांच घर का बोर्ड उतार लिया गया है, लेकिन परदे के पीछे मरीजों के जांच का गोरखधंधा बदस्तूर जारी रहने से एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली सवालों के घेरे में है.
पीएचसी प्रभारी की मेहरबानी चर्चा का विषय : वह तो शुक्र हो कि प्रभात खबर को इस फर्जी पैथोलॉजी से जुड़े सारे तथ्य हाथ लग गये वरना फर्जीवाड़े का गोरखधंधा बदस्तूर जारी रहता. इधर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ आरएन चौधरी व पैथोलॉजी संचालक मणिभूषण के बीच सांठगांठ की वीडियो वायरल होने के बाद क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. चर्चा की मानें तो लोगों को विश्वास नहीं हो रहा है कि वर्षों से थाइरोकेयर के नाम पर फर्जीवाड़ा कर संचालित निर्मला जांच घर में मरीजों के साथ धोखाधड़ी की जा रही थी.
प्रभात खबर में हुए खुलासे के बाद लोगों ने तो यह भी कहना शुरू कर दिया है कि आखिर पीएचसी प्रभारी व पैथोलॉजी संचालक के बीच इतनी गहरी सांठगांठ के पीछे क्या राज है? बताया जाता है कि फर्जी पैथोलॉजी के संचालक का पीएचसी में ही उठना बैठना होता था. बता दें कि निर्मला जांच घर का स्वास्थ्य विभाग से भी लाइसेंस निर्गत नहीं है.
साथ ही थाइरोकेयर का बोर्ड भी फर्जीवाड़ा कर लगाया गया था. लेकिन इतनी गड़बड़ी होने के बाद अस्पताल में भरती मरीजों के पूर्जे के सहारे इस फर्जी जांच का गोरखधंधा जारी था. अब जब मामला तूल पकड़ने लगा तो पीएचसी प्रभारी द्वारा पैथोलॉजी संचालक को पहचानने से इनकार किया जा रहा है. लेकिन कैमरे में कैद काला सच इनकी कारगुजारी की पोल खोलने के लिये काफी है.

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