खगड़िया : कभी वाहनों व यात्रियों से गुलजार रहने वाला बस स्टैंड आज वीरान पड़ा हुआ है. चुनाव को लेकर अधिकारी द्वारा वाहन को जब्त किये जा रहे हैं.
अधिकांश या तो जब्त कर लिये गये हैं या वाहन मालिक खराब की बात बता कर वाहन को गैरेज में लगा रखे हैं. जिसके कारण यात्रियों को काफी मुश्किलों से गुजरना पड़ रहा है.
बेगूसराय,बरौनी,महेशखूंट,अगुवानी,भागलपुर,पटना आदि जगह जाने वाली सवारी गाड़ी सहित बड़े बस भी कोसी कॉलेज ग्रांउड में चुनाव कार्य के लिए जमा किये जा रहे हैं.
जिससे उक्त जगह आने जाने वाले यात्रियों का सहारा केवल ट्रेन ही रह गया है. जबकि उक्त जगह के लिए समय पर ट्रेन उपलब्ध नहीं होने की वजह से यात्री के सामने आने जाने का संकट उत्पन्न हो गया है.
स्थानीय बलुआही स्थित बस स्टैंड सुनसान पड़ा हुआ है. यात्री गंतव्य तक जाने के लिए घंटों इंतजार करते रहते हैं. कभी कभी तो उक्त मार्ग होकर गुजरने वाले ट्रैक्टर का सहारा लेकर निर्धारित भाड़ा से अधिक देकर गंतव्य तक पहुंचते हैं
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वाहन मालिक सड़क पर अपने अपने वाहन को निकालने से कतरा रहे हैं कि उनके वाहन को भी कहीं जब्त कर चुनाव ड्यूटी में न लगा दिया जाये. वहीं जिले में कुछ वैसे वाहन भी सड़कों पर दौड़ रहे हैं.
जिनके पास वाहन से संबंधित पर्याप्त कागजात की कमी है. इस कारण भी चेकिंग के डर से उन्होंने अपने अपने गाड़ियों को सड़क पर निकालने से परहेज कर रहे हैं.
चुनाव में शेष हैं अभी 13 दिन
जिले में प्रथम चरण में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव होने में अभी 13 दिन शेष बचे हैं. जबकि बीते कई दिनों से वाहनों को जब्त करने का सिलसिला चल रहा है. ऐसे में यात्रियों के सामने यात्रा करने की घोर समस्या उत्पन्न हो गयी है.
महेशखूंट,गोगरी,अगुवानी के तरफ जाने वाले यात्रियों को ज्यादा दिक्कतें हो रही है. वहीं जिला प्रशासन भी गाड़ियों को जब्त करने में जुटा है. वाहन मालिकों को वाहन के लिए सूचना दी जा रही है.
ओवरलोडिंग गाड़ियों पर यात्रा करना बना मजबूरी
वहीं स्टैंड पर गाड़ियों की कमी होने के कारण यात्रियों को ओवरलोडिंग यात्री से उपर नीचे लदे गाड़ियों पर भी यात्रा करने की मजबूरी बनी हुई है. जल्द से जल्द अपने गंतव्य पहुंचने के फिराक में यात्री ओवरलोडिंग के खतरे को भी नजर अंदाज करते हुए यात्रा करने को विवश है. क्या पता की फिर वाहन मिले न मिले.
वहीं सुदूर देहात के जिला मुख्यालय खरीदारी करने आये लोगों को वाहन किराये पर भी जल्द उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. कुछ वाहन मिल भी जाते हैं तो रिजर्व जाने के नाम पर ज्यादा पैसे की मांग करते हैं. ऐसे में यात्रियों को आर्थिक दोहन का शिकार होना पड़ रहा है.