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कांग्रेस के प्रोटोकॉल अफसर हो गये हैं नीतीश

परबत्ता (खगड़िया) : पटना से लेकर खगड़िया तक जिस तरह लोगों ने सड़क के दोनों ओर खड़े होकर मेरा स्वागत किया वह मेरा स्वागत नहीं, नीतीश कुमार के प्रति उनके गुस्से का प्रकटीकरण था. वर्ष 2010 में हमने चुनाव जीता. उस समय मैं भी परबत्ता वोट मांगने के लिए आया हुआ था. हम यह सीट […]

परबत्ता (खगड़िया) : पटना से लेकर खगड़िया तक जिस तरह लोगों ने सड़क के दोनों ओर खड़े होकर मेरा स्वागत किया वह मेरा स्वागत नहीं, नीतीश कुमार के प्रति उनके गुस्से का प्रकटीकरण था. वर्ष 2010 में हमने चुनाव जीता. उस समय मैं भी परबत्ता वोट मांगने के लिए आया हुआ था. हम यह सीट तो नहीं जीत पाये पर यहां की जनता ने हमलोगों को 60 हजार वोट दिया था.

उक्त बातें सूबे के पूर्व उप मुख्यमंत्री व भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कही. वे बुधवार को कार्यकर्ता सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए परबत्ता प्रखंड के पीपरा लतीफ पंचायत स्थित चौरसिया चौक आये हुए थे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि सूबे की जनता ने अच्छे शासन के लिए एनडीए को वोट दिया था.

लोगों ने कहा था कि आप लोगों ने मिलकर अच्छा काम किया, इसलिए दोबारा पांच साल काम करने का जनादेश दिया. उस समय इस बात पर वोट नहीं दिया गया था कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे या नहीं. नीतीश कुमार ने ढ़ाई साल के भीतर मुझे, गिरीराज सिंह, नंद किशोर यादव, सुखदा पांडे, अश्विनी चौबे जैसे सत्रह साल पुराने दोस्तों को बरखास्त कर दिया. मुझ पर दो दिन से दफ्तर नहीं जाने व संचिकाओं का निष्पादन नहीं करने का आरोप लगाया गया था.

अगर बरखास्तगी का यही आधार है, तो मंत्रिमंडल में कोई नहीं बचेगा. साढ़े सात साल की उपलब्धियों का श्रेय एक व्यक्ति लेने का प्रयास कर रहा है. आज यदि बिहार का विकास हुआ है तो क्या बीजेपी के लोगों का उसमें कोई योगदान नहीं है?

बिहार का खजाना खाली था. बजट को चार हजार करोड़ से 34 हजार करोड़ करने का काम हमने किया है. अगर पैसे का इंतजाम नहीं होता, तो पटना से खगड़िया व परबत्ता तक की सड़क नहीं बनती. लड़कियों को साइकिल व पोशाक राशि नहीं मिलती. उन्होंने हमारे योगदान को भुला कर एक झटके में गंठबंधन तोड़ दिया.

कल तक वे 206 विधायकों के नेता थे, आज 122 विधायकों के समर्थन वाली सरकार चला रहे हैं. गोधरा कांड के समय भाजपा इनको सांप्रदायिक नहीं लगी. गंठबंधन इसलिए तोड़ दिया गया क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि चाय बेचने वाले का बेटा देश का प्रधानमंत्री बन जाये. आज अगर बिहार गुजरात की तरह विकास कर रहा है, तो गुजरात भी चीन व अमेरिका के विकास से स्पर्धा कर रहा है. गुजरात में 10-15 हजार मजदूरी मिलती है. गुजरात में 10 लाख बिहारी मजदूर काम कर रहे हैं. वहां उन्हें कोई अपमानित नहीं करता है.

महाराष्ट्र में कांग्रेस की सरकार है. वहां बिहारियों को पीटा जाता है और सरकार चुपचाप देखती रहती है. मध्यप्रदेश व गुजरात में भाजपा की सरकार है. गुजरात के मुसलमानों ने भी नरेंद्र मादी को वोट दिया. भाजपा के सरकार से हटने से अभी मा. 15 दिन हुए हैं और रंगत दिखने लगा है. राज्य सरकार के पास काम करने का वक्त नहीं है. मुख्यमंत्री के पास 18 विभाग हैं. एक व्यक्ति 18 विभाग नहीं चला सकता. उन्होंने कहा कि देश को एक मजबूत प्रधानमंत्री चाहिए. नीतीश जी कांग्रेस के प्रोटोकॉल अफसर हो गये हैं.

* चौरसिया चौक पर आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में पहुंचे पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी
* कहा-पटना से लेकर खगड़िया तक सड़क के दोनों किनारों पर उनका स्वागत मुख्यमंत्री के प्रति गुस्से का प्रकटीकरण

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