खुलासा. नियम की अनदेखी कर 56 कर्मियों का हुआ फर्जी भुगतान
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डीइओ पर गिर सकती है गाज
खुलासा. नियम की अनदेखी कर 56 कर्मियों का हुआ फर्जी भुगतान आर्य कन्या उच्च विद्यालय प्रकरण में 56 कर्मियों की फर्जी बहाली प्रकरण में राज्यस्तरीय टीम ने जांच पूरी कर ली है. जांच रिपोर्ट में वेतन भुगतान मामले में शिक्षा विभाग के तत्कालीन अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाये गये हैं. जांच टीम ने भी […]
आर्य कन्या उच्च विद्यालय प्रकरण में 56 कर्मियों की फर्जी बहाली प्रकरण में राज्यस्तरीय टीम ने जांच पूरी कर ली है. जांच रिपोर्ट में वेतन भुगतान मामले में शिक्षा विभाग के तत्कालीन अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाये गये हैं. जांच टीम ने भी माना कि स्वीकृत पद के अतिरिक्त बहाल कर्मचारियों को वेतन भुगतान करना नियमत: गलत है.
खगड़िया : आर्य कन्या उच्च विद्यालय में 56 शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की बहाली से लेकर वेतन भुगतान में फर्जीवाड़ा मामले में वर्तमान डीइओ सुरेश कुमार साहु की भूमिका सवालों के घेरे में आ गये हैं. बताया जाता है कि विद्यालय प्रबंधन कमेटी द्वारा बहाल 56 कर्मियों को सरकारी राशि से वेतन भुगतान को जांच टीम ने गलत करार दिया है.
उल्लेखनीय है कि इसी मामले में तत्कालीन डीपीओ स्थापना (वर्तमान में खगड़िया डीइओ) सुरेश कुमार साहु के खिलाफ तत्कालीन डीइओ डॉ ब्रज किशोर सिंह निलंबन की अनुशंसा तक कर चुके हैं. इधर, फर्जी बहाली प्रकरण में राज्य स्तर से गठित तीन सदस्यीय टीम ने जांच पूरी कर लिये जाने की खबर से चर्चा का बाजार गरम है. जांच टीम का नेतृत्व कर रहे शिक्षा विभाग के अवर सचिव विनोद कुमार सिंह ने बताया कि विद्यालय में स्वीकृत पद के अतिरिक्त बहाल कर्मचारियों से सरकार का कोई लेना देना है. ऐसे कर्मचारियों को वेतन भुगतान सरकार नहीं करेगी.
56 कर्मियों को वेतन भुगतान गलत
जांच अधिकारी श्री सिंह ने कहा कि ऐसे शिक्षकों को सरकारी राशि से वेतन भुगतान किया जाना पूरी तरह से गलत है. बता दें कि विद्यालय में स्वीकृत 13 पद के एवज में 63 शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारी वर्तमान में कार्यरत हैं. बीते बरसों में ना पद का सृजन और ना विभाग से अनुमोदन…बस सरकारी नियम कायदे को ताक पर रख कर विद्यालय में फर्जी तरीके से 56 कर्मचारियों की बहाली कर ली गयी. इतना ही नहीं इसके बाद शिक्षा निदेशक से नियुक्ति के बिना अनुमोदन के ही समायोजन फिर वेतन भुगतान कर दिया गया.
बीते दिनों शिक्षा विभाग की समीक्षात्मक बैठक के दौरान डीएम जय सिंह ने आर्य कन्या उच्च विद्यालय प्रकरण 56 कर्मियों को वेतन भुगतान मामले में सिर्फ प्रधानाध्यापक पर कार्रवाई पर असंतोष जताते हुए डीइओ सुरेश कुमार साहु को सभी दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज करवाने का निर्देश दिया है. इस पर डीइओ ने कहा कि वेतन भुगतान मामले में संबंधित कर्मियों को नोटिस भेजा गया था लेकिन वह वापस लौट आया है. डीएम ने डीइओ को वेतन भुगतान मामले में सभी दोषियों पर कार्रवाई कर प्रतिवेदन सौंपने को कहा है.
आर्य कन्या उच्च विद्यालय में फर्जी बहाली सहित वेतन भुगतान में फर्जीवाड़ा प्रकरण की जांच पूरी कर ली गयी है. विद्यालय में स्वीकृत पद मात्र 13 हैं. जांच के दौरान 56 कर्मचारियों की बहाली से लेकर वेतन भुगतान में फर्जीवाड़ा की बात सामने आयी है. जल्द ही पूरी जांच रिपोर्ट शिक्षा सचिव को सौंप दी जायेगी.
विनोद कुमार सिंह, जांच अधिकारी सह अपर सचिव, शिक्षा विभाग.
तत्कालीन डीइओ के आदेशानुसार उन्होंने 56 कर्मियों को वेतन भुगतान किया गया है. तत्कालीन डीपीओ स्थापना के निरीक्षण प्रतिवेदन व डीइओ द्वारा पत्रांक 751 दिनांक 11. 05.15 जारी पत्र के कारण यह गड़बड़ी हुई है. पूरे मामले में तत्कालीन डीइओ डॉ सिंह व डीपीओ स्थापना मुनिलाल राम की संदेहास्पद भूमिका को देखते हुए विभाग को पत्र भेजकर कार्रवाई की अनुशंसा की जायेगी.
सुरेश प्रसाद साहु, डीइओ.
पूरे प्रकरण में उठ रहे सवाल
निदेशक से बिना पद सृजन के अनुमोदन के ही विद्यालय में 56 पद पर नियुक्ति कैसे कर ली गयी?
नियुक्ति का अनुमोदन लिये बिना ही समायोजन दिखा कर विभाग ने वेतन भुगतान कैसे कर दिया गया?
आखिर शिक्षा निदेशक से बिना अनुमोदन लिये ही तत्कालीन डीइओ द्वारा फर्जी तरीके से बहाल 56 कर्मियों के वेतन भुगतान का आदेश कैसे दे दिया गया?
तत्कालीन डीपीओ स्थापना ने वेतन भुगतान से पहले नियम कायदे का अनुपालन सुनिश्चित करवाना मुनासिब क्यों नहीं समझा?
जब विद्यालय में इंटर की पढ़ाई की मान्यता 2015 में मिली तो वर्ष 2008 में सचिव लेटर पैड पर जारी पत्र में +2 मान्यता प्राप्त होने का कैसे दावा दावा किया गया है?
खगड़िया-मुंगेर-नवगछिया-बेगूसराय
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