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विषाक्त फल खाने से 15 बच्चे बीमार
कटिहार : प्राणपुर प्रखंड के बरझल्ला पंचायत के प्राथमिक विद्यालय धीरगंज में विषाक्त फल खाने से पंद्रह बच्चों की स्थिति बिगड़ गयी है. विद्यालय के प्रधानाचार्य ने बच्चों की बिगड़ते स्थिति को देख विद्यालय में छुट्टी दे दी. इधर जब बच्चे घर पहुंचे तो उनकी स्थिति और भी बिगड़ने लगी. बच्चों को लगातार उलटियां होने […]
कटिहार : प्राणपुर प्रखंड के बरझल्ला पंचायत के प्राथमिक विद्यालय धीरगंज में विषाक्त फल खाने से पंद्रह बच्चों की स्थिति बिगड़ गयी है. विद्यालय के प्रधानाचार्य ने बच्चों की बिगड़ते स्थिति को देख विद्यालय में छुट्टी दे दी. इधर जब बच्चे घर पहुंचे तो उनकी स्थिति और भी बिगड़ने लगी.
बच्चों को लगातार उलटियां होने के कारण परिजनों ने अविलंब उन बच्चों को सदर अस्पताल में भरती कराया. अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों ने मामले की गंभीरता को देख अविलंब सभी बच्चों का इलाज शुरू कर दिया. इससे बच्चों की हालत में सुधार आया.
एक के बाद सब ने खाया
बरझल्ला पंचायत के धीरगंज प्राथमिक विद्यालय के खुलते ही छात्र-छात्राएं पठन-पाठन को लेकर विद्यालय पहुंच गये. अपने निर्धारित समय पर विद्यालय में प्रार्थना भी हुई और सभी बच्चे अपने-अपने वर्ग में चले गये. वर्ग से निकल कर बच्चे विद्यालय परिसर के बाहर गये और बाहर में लगे पौधे के विषाक्त फल को खा लिया. एक बच्चा फल खाते-खाते वर्ग में पहुंचा तथा अन्य बच्चों को स्वादिष्ट बताया. इसके बाद वर्ग में बैठे सभी बच्चों ने उस फल को खा लिया.
बच्चों को होने लगी दस्त
फल को खाने के कुछ घंटे बाद जब मध्याह्न भोजन बच्चों के बीच दिया जाने लगा तो बच्चों को दस्त आने लगी. छात्रा शीतल ने बताया कि छात्र अंशु ने बताया कि मध्याह्न भोजन मिलते ही फल खाये कुछ बच्चों को उलटियां होने लगी. इसे देख विद्यालय के प्रधानाध्यापिका के निर्देश पर विद्यालय में छुट्टी कर दी गयी.
इधर घर पहुंचते ही करण कुमार, शीतल कुमार (8) पिता रंजीत मंडल, अंशु कुमार (8), अंजनी कुमार (6) पिता जितेंद्र मंडल, राखी कुमारी पिता राजेश कुमार मंडल, करण कुमार पिता रंजीत कुमार, विष्णु कुमार पिता स्व मनोज, तनु कुमारी, शिवम कुमार पिता मंगल विश्वास, अभिषेक कुमार पिता मनोज कुमार मंडल के घर पहुंचते ही उनकी स्थिति और भी खराब हो गयी. परिजनों ने बच्चों की बिगड़ते स्थिति देख उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भरती कराया.
कहते हैं परिजन
परिजनों में रंजीत कुमार मंडल, सुनील कुमार मंडल, जितेंद्र कुमार मंडल, राजेश कुमार मंडल, मंगल विश्वास, अरुण मांझी, मनोज कुमार मंडल ने प्रधानाध्यापक अन्नपूर्णा साह सहित विद्यालय के अन्य शिक्षक व शिक्षिकाओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि विद्यालय में पढ़ाई नहीं के बराबर होती है.
शिक्षक विद्यालय पहुंच कर महज खानापूर्ति करते हैं. विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सहित सभी शिक्षकों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वर्ग के समय में आखिर किस प्रकार बच्चे स्कूल से बाहर गये. एक बच्चे के फल खाने के बाद उस क्लास के अन्य बच्चों ने स्कूल के समय में किस प्रकार विद्यालय परिसर से बाहर जाकर विषैला फल का सेवन किया. परिजनों ने कहा कि विषैला पदार्थ के सेवन उपरांत जब बच्चों की स्थिति बिगड़ने लगी तो प्रधानाध्यापिका के निर्देश पर विद्यालय में छुट्टी दे दी गयी. विद्यालय में छुट्टी होते ही बच्चे अपने-अपने घर पहुंच तो गये. लेकिन उनकी स्थिति और भी खराब हो गयी. आखिर इस बीच अगर किसी बच्चे के साथ बड़ी घटना घट जाती तो उसका जिम्मेवार कौन होता.
कहते हैं चिकित्सक
सदर अस्पताल में पंद्रह बच्चों के एक साथ पहुंचते ही अस्पताल में भागमभाग की स्थिति उत्पन्न हो गयी. सीएस एसएन झा के निर्देश पर इमरेजेंसी में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक के साथ अन्य चिकित्सक भी बच्चों के इलाज में जुट गये. चिकित्सक डॉ एसएन राय, डॉ आर सुमन ने बताया कि जहरीला फल खाने से बच्चों की स्थिति बिगड़ गयी थी. फिलहाल उन्हें दवाई व सूई दे दी गयी है, जिससे बच्चों की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है.
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