अच्छी खबर. एनएचएआइ ने आरटीआइ एक्टिविस्ट को दी जानकारी
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फरवरी में मनिहारी-साहेबगंज पुल सह सड़क का शिलान्यास
अच्छी खबर. एनएचएआइ ने आरटीआइ एक्टिविस्ट को दी जानकारी मनिहारी-साहेबगंज के बीच गंगा नदी पर पुल की मांग कटिहार के िलए िचरप्रतीक्षित रही है. अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो फरवरी में िशलान्यास हो सकता है. कटिहार : मनिहारी-साहेबगंज के बीच गंगा नदी पर सड़क सह पुल निर्माण को लेकर सड़क परिवहन एवं राज्य […]
मनिहारी-साहेबगंज के बीच गंगा नदी पर पुल की मांग कटिहार के िलए िचरप्रतीक्षित रही है. अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो फरवरी में िशलान्यास हो सकता है.
कटिहार : मनिहारी-साहेबगंज के बीच गंगा नदी पर सड़क सह पुल निर्माण को लेकर सड़क परिवहन एवं राज्य मार्ग मंत्रालय भारत सरकार सक्रिय हो गया है. इस बहुप्रतीक्षित पुल सह सड़क निर्माण परियोजना की आधारशिला फरवरी 2017 में होने की पूरी संभावना है. मंत्रालय के अधीनस्थ इकाई भारतीय राष्ट्रीय राज्य मार्ग प्राधिकरण के द्वारा कटिहार के आरटीआइ एक्टिविस्ट जगदीश प्रसाद साह को सूचना अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गयी सूचना के आलोक में उपलब्ध करायी गयी जानकारी से यह बात सामने आयी है. आरटीआइ एक्टिविस्ट श्री साह को प्राधिकरण की ओर से कई तरह की महत्वपूर्ण जानकारी भी दी गयी है.
उल्लेखनीय है कि वर्षों से गंगा नदी पर मनिहारी-साहेबगंज के बीच पुल सह सड़क निर्माण को लेकर संघर्ष के बाद केंद्र सरकार इस दिशा में पहल करते हुए करीब 2000 करोड़ की परियोजना को स्वीकृति प्रदान की. मंत्रालय ने एनएचएआइ को निर्माण कार्य का दायित्व दिया है. एनएचएआइ की ओर से परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर निविदा प्रक्रिया पूरी की जा रही है. इस पुल सह सड़क निर्माण होने से सांस्कृतिक व आर्थिक रूप से बिहार के करीब एक दर्जन जिला व झारखंड के कुछ जिलों को फायदा पहुंचेगा.
21.88 किलोमीटर होगी सड़क की लंबाई : एनएचएआइ की ओर से 13 जनवरी 21017 को उपलब्ध करायी गयी जानकारी के अनुसार गंगा नदी पर साहेबगंज व मनिहारी के बीच बनने वाली पुल सह सड़क निर्माण की प्राक्कलित राशि 1905 करोड़ है. इसमें सड़क की कुल लंबाई 21.885 किलोमीटर है. इसके तहत पहुंच पथ 7.2 किलोमीटर साहेबगंज एवं 8.685 किलोमीटर कटिहार का शामिल है. इसमें 6.0 किलोमीटर मनिहारी बाइपास भी सम्मिलित है. सड़क निर्माण को लेकर एनएचएआइ के द्वारा भू-अर्जन प्रक्रिया के उद्देश्य से साहेबगंज व कटिहार जिला के सक्षम पदाधिकारी सह जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को राशि उपलब्ध करा दी गयी है.
वर्ष 2016 में 20.34 करोड़ उपलब्ध : जानकारी के मुताबिक वर्ष 2016 में साहेबगंज के जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को स्थापना व्यय सहित भू-अर्जन के विरुद्ध मुआवजा देने को लेकर 20.34 करोड़ की राशि उपलब्ध करायी गयी है. जबकि कटिहार जिला के भू-अर्जन पदाधिकारी को स्थापना व्यय सहित भू-अर्जन मद में 15.10 करोड़ की राशि उपलब्ध करा दी गयी है. आरटीआइ के तहत श्री साह को प्राधिकार से मिली जानकारी पर यकीन करें तो साहेबगंज जिला के द्वारा वर्ष 2017 के प्रारंभ में 56 लाख राशि का मुआवजा वितरण कर दिया गया है. जानकारी के अनुसार कटिहार जिला के भू-अर्जन पदाधिकारी को एनएचएआइ के द्वारा 14.10 करोड़ की राशि शीघ्र उपलब्ध करायी जायेगी.
4.6 वर्ष में होगा निर्माण कार्य पूरा : फरवरी 2017 में इस बहुप्रतीक्षित परियोजना का शिलान्यास कराये जाने की संभावना है. एनएचएआइ की ओर से उपलब्ध करायी गयी जानकारी के अनुसार परियोजना के शिलान्यास होने के बाद 4.6 वर्ष में निर्माण कार्य को पूरा किया जाना है. एनएचएआइ की परियोजना क्रियान्वयन इकाई साहेबगंज की ओर से क्रियान्वित की जानी है. भू-अर्जन की प्रक्रिया साहेबगंज और कटिहार जिला के द्वारा अंतिम चरण में है. उल्लेखनीय है कि इस परियोजना के निर्माण को लेकर एनएचएआइ की ओर से टेंडर प्रक्रिया पूरी की जा रही है.
आर्थिक व सांस्कृतिक महत्व भी बढ़ेगा : साहेबगंज व मनिहारी के बीच गंगा नदी पर पुल सह सड़क निर्माण होने से न केवल कटिहार व सीमांचल से झारखंड की दूरी कम हो जायेगी. बल्कि इस अति महत्वपूर्ण परियोजना के पूरी होने से सीमांचल कोसी व कटिहार के इलाके के विकास का रफ्तार भी तेज होगा. आर्थिक एवं सांस्कृतिक महत्व भी बढ़ेगा. उल्लेखनीय है कि अभी नाव व स्टीमर से लोग आवाजाही करते हैं, जिसमें समय के साथ-साथ आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है.
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