कटिहार : सदर अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था इन दिनों चरमरा गयी है. मरीजों को ओपीडी के समय भी चिकित्सक का घंटो इंतजार करना पड़ता है. सनद हो कि सदर अस्पताल में जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों से सैकड़ों की संख्या में मरीज इलाज को पहुंचते है. प्रथम ऑन लाईन स्लिप लेने को लेकर काउंटर पर नंबर लगानी पड़ती है. तदोपरांत उक्त मरीज ओपीडी में कतारबद्ध चिकित्सक का इंतजार करते है. अगर चिकित्सक रहे तो एक दो घंटे में चिकित्सक मरीज को देखकर उसे दवाई लिखते है फिर व मरीज दवाई लेने पहुंचता है. इस क्रम में एक पहर का समय बीत जाता है. लेकिन वहीं चिकित्सक अगर ओपीडी कक्ष मे न हो तो फिर तो वह मरीजों के लिए खासी परेशानी का सबब बन जाता है.
सोमवार को एक पहर बाद संध्या काल में लगने वाली ओपीडी में एक नंबर में चिकित्सक तैनात थे वहीं चार व सात में चिकित्सक अनुपस्थित थे. जिस कारण मरीज उक्त वार्ड के बाहर कतारबद्ध खड़े होकर चिकित्सक का इंतजार कर रहे थे. कुछ मरीज बीमारी के वजह से खड़े नही हो पा रहे थे तो वह वहीं फर्श पर बैठ कर चिकित्सक का इंतजार करने लगे.
क्या कहते हैं मरीज
सदर अस्पताल में कतारबद्ध लगे मरीज में रवि बांसफोड़, मनोरमा देवी, जुबेदा खातून, बदरू निशा, पंकज सरकार, बादल बांसफोर, राम अशिश राम, अशं आदि ने कहा कि वह तीन बजे से ही स्लीप कटाकर कतार में खड़े है. कमरा नंबर 7 में चिकित्सक 4.45 मिनट पर पहुंची वहीं कमरा नंबर 4 के चिकित्सक अनुपस्थित ही रहे. आखिर सवाल यह उठता है कि स्वास्थ्य प्रशासन की यह कौन सी व्यवस्था है कि उनसे सिस्टम में सुधार नही हो पाता है. कभी विचौलिये हावी रहते है तो कभी बच्चे की चोरी हो जाते है.
आखिर इन सभी व्यवस्था को सुढढ करने की जिम्मेवारी किसकी है. जब बिचौलिये के संदर्भ में सीएस एस एन झा से बात की जाती है तो वह अपन पल्ला यह कहकर झाड़ देते है कि मरीज के द्वारा किसी प्रकार की लिखित शिकायत नही की गयी है. शिकायत होने पर अवश्य ही कार्रवाई की जायेगी. क्या सदर अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था व अस्पताल को बेहतर व अस्पताल से विचौलिये के विरूद्ध कार्रवाई करने में सक्षम नहीं है.