मनिहारी : थाना क्षेत्र के केवाला पंचायत स्थित एक गांव की 15 वर्षीया लड़की मां बनने के बाद अब अपने बेटे को पिता का नाम दिलाने के लिए दर-दर की ठोकर खा रही है. अब उक्त लड़की अपने और अपने पुत्र के लिए इंसाफ मांग रही है. हालांकि नाबालिग पीड़िता ने जिस लड़के प्रद्युम्न रविदास पर गर्भवती करने का आरोप लगाया था, वह अभी इसी मामले में जेल में बंद है. नाबालिग पीड़िता ने बताया कि प्रद्युम्न ने शादी का प्रलोभन देकर मेरे साथ लगातार शारीरिक संबंध बनाया.
जब मैं गर्भवती हो गयी, तो वह शादी से मुकर गया और कहने लगा कि बच्चा मेरा नहीं है. कोई भी जांच करवा लो. इसके बाद गांव में पंचायत भी हुई. मुखिया व सरपंच के सामने भी उसने शादी करने से इनकार कर दिया. इसके बाद हमने पुलिस को शिकायत की. मनिहारी थाने में 17 जून को प्रद्युम्न समेत दो लोगों पर प्राथमिकी दर्ज हुई. इसके बाद प्रद्युम्न केरल भाग गया. पुलिस की दबिश पर केरल से वापस आया, तो उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया
. मैंने बच्चे को जन्म देने का फैसला किया और 25 सितंबर को अनुमंडल अस्पताल में मैं मां बनी. हमारी मांग है कि मैं उसकी पत्नी बन ससुराल जाऊं. मेरे पुत्र को उसके पिता का नाम मिले. आरोपित के जेल जाने से मुझे इंसाफ नहीं मिला है. मुझे और मेरे बच्चे को उसके साथ रहना है. तब ही मुझे इंसाफ मिलेगा. अपने बच्चे की देखभाल मैं स्वयं करूंगी. वहीं आशा ने बताया कि मैंने अपना फर्ज निभाया. उसको घर से अनुमंडल अस्पताल ले जाकर बच्चे की डिलिवरी करायी. उसके बाद उसे घर सुरक्षित पहुंचा दिया.