जलस्तर में कमी के बावजूद बाढ़ पीड़ितों की स्थिति में सुधार नहीं, महामारी फैलने की आशंका फोटो संख्या- कैप्सन- 15 – 16 बाढ पीड़ितों की स्थिति दयनीय प्रतिनिधि, कटिहार, नदियों के जलस्तर में कमी होने के बावजूद भी बाढ़ पीड़ितों की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है. जिले के आधा दर्जन प्रखंडों में आयी बाढ़ से हुई तबाही का मंजर अब साफ दिखने लगा है. बड़ी तादाद में लोग विस्थापित होकर सड़क किनारे व तटबंध पर शरण लिए हुए हैं. शुक्रवार को गंगा, कारी कोसी व बरंडी नदी के जलस्तर में कमी दर्ज की गयी है, जबकि कोसी नदी का जलस्तर पिछले चार दिनों से जस का तस बना हुआ है. नदियों के जलस्तर में कमी व स्थिर रहने के बावजूद बरारी, कुरसेला व समेली प्रखंड के कई गांवों में पानी घुस गया है. वहीं जिला प्रशासन द्वारा राज्य सरकार के निर्देश पर प्रभावित प्रखंडों में राहत शिविर चलाये जा रहा है. पर, प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे राहत शिविर का पूरा लाभ बाढ़ पीड़ितों को नहीं मिल पा रहा है. बाढ़ से हजारों लोग विस्थापित होकर बांध व सड़क किनारे शरण लिए हुए हैं. अमदाबाद में बाढ़ प्रभावित लोगों की स्थिति और भी नाजुक बनी हुई है. आंगनबाड़ी केंद्र व विद्यालय में पानी घुसने के बाद पठन पाठन भी प्रभावित है. इधर बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच राहत सुविधा को लेकर हाय तौबा मची हुई है. राहत शिविरों में सरकार द्वारा दिये गये गाइड लाइन के अनुसार व्यवस्था नहीं की गयी है. इधर जलस्तर में कमी के बाद भी बरारी में स्पर व तटबंध पर पानी का अत्यधिक दबाव बना हुआ है. वहीं गुमटी टोला रिंग बांध के दोनों कट एंड को रोकने के लिए विभाग द्वारा कटाव निरोधक कार्य युद्धस्तर पर कराया जा रहा है. इस बीच पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों का दौरा कर सरकार पर प्रभावित लोगों तक राहत पहुंचाने में नाकाम रहने का आरोप लगाया. बरारी में सभी स्पर पानी का अत्यधिक दबाव——————————————–बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल की माने तो जिले के प्रमुख नदियों के जलस्तर में कमी व स्थिर रहने के बावजूद बरारी प्रखंड के सभी स्पर व तटबंध पर पानी का अत्यधिक दबाब बना हुआ है. तटबंध व स्पर को बचाने के लिये बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अभियंता क्षेत्र में निरंतर निगरानी कर रहे हैं. जबकि बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार बरारी के तटबंध काश तृतीय निवृत रेखा के चैन संख्या 15 से 23 तक पानी का रिसाव हो रहा है. इधर गंगा, कारी कोसी व बरंडी नदी के जलस्तर में शुक्रवार को मामूली कमी दर्ज की गयी है. जबकि कोसी अब भी स्थिर बनी हुई है. उल्लेखनीय है कि पिछले चार दिन से कोसी नदी का जलस्तर जस की तस बनी हुयी है. पानी घटने के साथ महामारी की आशंका———————————जलस्तर में कमी होने के बाद अब महामारी फैलने की आशंका बढ़ गयी है. खासकर बाढ़ से प्रभावित लोग जहां शरण लिये हुए हैं. वैसे स्थानों पर महामारी फैलने की आशंका अधिक है. हालांकि जिला प्रशासन ने ऐसे स्थानों पर ब्लिचिंग पाउडर का छिड़काव व अन्य कई कदम उठाने का दावा कर रहा है. उल्लेखनीय है कि आधा दर्जन से अधिक प्रखंडों के बाढ़ प्रभावित व विस्थापित लोग सड़क किनारे, बांध व राहत शिविरों में शरण लिये हुए हैं. ऐसे स्थानों पर साफ सफाई व ब्लिचिंग पाउडर, चूना आदि का छिड़काव नियमित नहीं होने से महामारी फैलने की आशंका प्रबल होती जा रही है.
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जलस्तर में कमी के बावजूद बाढ़ पीड़ितों की स्थिति में सुधार नहीं, महामारी फैलने की आशंका
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