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चैत में ही होने लगा जेठ का एहसास

चैत में ही होने लगा जेठ का एहसासतापमान बढ़ने से लोगों की बढ़ी परेशानीफोटो संख्या-1,2 कैप्सन-तेज धूप से बचाव करते प्रतिनिधि, कटिहारतीन दिनों से मौसम के तेवर तल्ख हो रहे हैं. हाल के दिनों में अधिकतम तापमान छह डिग्री तक बढ़ गया है. गुरुवार को दिन भर तेज पछुआ हवा ने लोगों को लू का […]

चैत में ही होने लगा जेठ का एहसासतापमान बढ़ने से लोगों की बढ़ी परेशानीफोटो संख्या-1,2 कैप्सन-तेज धूप से बचाव करते प्रतिनिधि, कटिहारतीन दिनों से मौसम के तेवर तल्ख हो रहे हैं. हाल के दिनों में अधिकतम तापमान छह डिग्री तक बढ़ गया है. गुरुवार को दिन भर तेज पछुआ हवा ने लोगों को लू का एहसास करा दिया. दोपहर में घर से बाहर निकलने वालों की संख्या कम थी. गुरुवार को अधिकतम तापमान 39 डिग्री और न्यनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रहा. गुरुवार का दिन इस सीजन का सबसे गरम दिन रहा. इस तरह हाल के तीन दिनों में तापमान एकाएक बढ़ गया है, जिससे लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. धूप से बचने का प्रयास करते रहे लोगचैत में ही जेठ का एहसास कराने वाली धूप से बचने का प्रयास करते लोग देखे गये. शहर में पेड़-पौधों की कमी की वजह से धूप का असर काफी ज्यादा दिख रहा है. जहां भी पेड़ की छांव दिखती है, लोग वहां सुसताने व धूप से बचने के लिए रुक जाते हैं. राहगीरों को सबसे अधिक परेशानी उठानी पड़ रही है. पैदल चलने वाले लोग धूप से परेशान हो रहे हैं. एकाएक बढ़ी धूप से लोगों को बीमार होने का खतरा बढ़ गया है. बस स्टैंड के नयी जगह पर जाने से बढ़ी परेशानीबस स्टैंड काे पुरानी जगह से हटा दिये जाने की वजह से कड़े धूप में यात्रियों की परेशानी बढ़ गयी है. अभी अस्थायी रूप से बस का परिचालन सहायक थाना के निकट मिरचाईबाड़ी से हो रहा है. बस स्टैंड अस्थाई होने की वजह से वहां किसी तरह की कोई सुविधा यात्रियों को नहीं मिल रही है. कड़ी धूप के बीच यात्रियों को बस आने का इंतजार करना पड़ रहा है. वहां यात्रियों को छांव में खड़े रहने तक की कोई व्यवस्था नहीं है. पेयजल आदि की व्यवस्था नहीं होने की वजह से खासकर महिलाओं व बच्चों को सबसे अधिक परेशानी उठानी पड़ रही है. गौरतलब हो कि नया बस स्टैंड उदामारक्खा में ले जाना था, लेकिन वहां बस चालकों ने यह कहते हुए जाने से इनकार कर दिया कि गौशाला रेल फाटक हमेशा बंद रहने की वजह से जाम की समस्या से जूझना होगा. वैसे भी नया बस स्टैंड शहर से काफी दूर बनाया गया है. वहां भी यात्री सुविधा अब-तक बहाल नहीं हो सकी है. स्कूली बच्चों की परेशानी बढ़ीचैत में जेठ का एहसास कराने वाली इस गरमी से सबसे अधिक परेशानी स्कूली बच्चों को उठानी पड़ रही है. जिस तरह धूप अभी से आग बरपा रही है, उसे देखते हुए लगता है कि सरकारी व निजी विद्यालयों में मार्निंग स्कूल समय से पहले ही लागू करना होगा. अन्यथा बच्चों को लू लगने का खतरा उत्पन्न हो जायेगा. दरअसल सुबह में स्कूल जाने में बच्चों को कोई परेशानी नहीं हो रही है, लेकिन घर लौटने के क्रम में बच्चों को कड़क धूप का सामना करना पड़ रहा है. इससे अभिभावक व स्कूल प्रबंधन दोनों चिंतित हैं. जब तक जिला प्रशासन का इस दिशा में कोई दिशा निर्देश जारी नहीं होगा, तब-तक मार्निंग स्कूल होना भी संभव नहीं है. दो हजार स्कूलों में छह लाख से अधिक बच्चे जिले में प्राथमिक व मध्य विद्यालयों की संख्या 1800 सौ से अधिक है. इसके अलावा निजी विद्यालयों की संख्या भी पांच सौ से अधिक है. इन विद्यालयों में छह लाख से अधिक बच्चे पढ़ते हैं. जिस तरह धूप में तेजी आयी ,है उसे देखते हुए विद्यालय का संचालन का समय सुबह सात बजे से दोपहर 12 बजे तक किया जाना चाहिए, ताकि बच्चे कड़ी धूप के वक्त अपना घर लौट कर सुरक्षित हो जायें. पर, जिले में कही भी टाइमिंग में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. गरमी बढ़ने के साथ ठंडा पेय पदार्थ की बिक्री बढ़ी गरमी व तेज धूप बढ़ने के साथ ही ठंडे पेय पदार्थ की बिक्री में इजाफा हो गया है. चौक-चौराहों पर ठंडा पेय पदार्थ की दुकानें सज गयी हैं. इसमें धूप व गरमी बढ़ने के साथ लोगों की भीड़ भी बढ़ रही है. इसके अलावा लस्सी, सत्तू, तारबूज आदि की भी डिमांड बढ़ गयी है. दुकानदारों का कहना है कि जैसे-जैसे गरमी व धूप में इजाफा होगा, वैसे-वैसे इनकी बिक्री में तेजी आयेगी.

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