कटिहार : शहर के कोसी नदी के पास स्थित हवाई अड्डा की चहारदिवारी निर्माण के लिए तो सरकार ने मंजूरी दे दी है. पर, यहां पर चहारदिवारी निर्माण के लिए सरकार को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी. कारण, हवाई अड्डा की अधिकांश भूमि अतिक्रमण कर लोगों ने घर या फिर गाय माल रखने की जगह बना ली है. इसके कारण प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी. देर सवेर ही सरकार द्वारा उठाया गये इस कदम की लोगों ने प्रशंसा भी की है. पर, लोगों को हवाई सेवा इस जगह से नहीं होना भी नागवार गुजरा है. बतातें चलें कि हवाई अड्डा की घेराबंदी के लिए सरकार ने दो करोड़ 55 लाख की राशि आवंटित की है.
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हवाई अड्डा अतिक्रमण की चपेट में कैसे होगी घेराबंदी
कटिहार : शहर के कोसी नदी के पास स्थित हवाई अड्डा की चहारदिवारी निर्माण के लिए तो सरकार ने मंजूरी दे दी है. पर, यहां पर चहारदिवारी निर्माण के लिए सरकार को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी. कारण, हवाई अड्डा की अधिकांश भूमि अतिक्रमण कर लोगों ने घर या फिर गाय माल रखने की जगह बना […]
कई राजनेता हवाई अड्डे पर लैंड़िंग कर चुके हैं
यह हवाई अड्डा कई मामलों में महत्वपूर्ण है. इस हवाई अड्डा मैदान में बकायदा देश के कई राजनेता लैंडिंग कर चूके हैं. मसलन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, राजीव गांधी शामिल हैं. राजीव गांधी वर्ष 1991 में अपनी आखिरी सभा इसी मैदान में किये थे. यहां से जाने के बाद तामिलनाडु में एक बम विस्फोट में उनकी मृत्यु हो गयी थी.
रख रखाव के अभाव में हो गया खस्ता हाल
80-90 के दशक में यह हवाई अड्डा जिले के लिए एक मान सम्मान था. छोटे चार्टर प्लेन, हेलिकॉप्टर उतरने के लिए रनवे भी था. वहीं एक मंच भी बनाया गया था, जहां राजनेता आम लोगों को संबोधित करते थे. लेकिन प्रशासन की उदासीनता के कारण रनवे टूट कर जीर्ण शीर्ण हालात में पहुंच गया है. मंच का तो अब पता भी नहीं है. वहीं मैदान में अवस्थित कंट्रोल रूम भूत बंगला बन चुका है.
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