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कैसे आयेगी श्वेत क्रांति, एक साल पीछे चल रही है गव्य विकास योजना

कैसे आयेगी श्वेत क्रांति, एक साल पीछे चल रही है गव्य विकास योजना पशुपालन मंत्री रविवार को कटिहार पहुंच रहे हैं इसलिए यह रिपोर्ट तैयार की गयी है फोटो नं. 6 कैप्सन- गव्य विकास का कार्यालय प्रतिनिधि, कटिहारभले ही सूबे के पशुपालन व मत्स्य संसाधन मंत्री अवधेश कुमार सिंह पांच लाख बेरोजगार युवकों को दुधारू […]

कैसे आयेगी श्वेत क्रांति, एक साल पीछे चल रही है गव्य विकास योजना पशुपालन मंत्री रविवार को कटिहार पहुंच रहे हैं इसलिए यह रिपोर्ट तैयार की गयी है फोटो नं. 6 कैप्सन- गव्य विकास का कार्यालय प्रतिनिधि, कटिहारभले ही सूबे के पशुपालन व मत्स्य संसाधन मंत्री अवधेश कुमार सिंह पांच लाख बेरोजगार युवकों को दुधारू पशु देकर उन्हें रोजगार के जरिये आत्मनिर्भर बनाने की घोषणा की है. लेकिन कटिहार जिले में दुधारू पशुओं से संबंधित गव्य विकास योजना की स्थिति को देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि मंत्री जी घोषणा महज कागजी बन कर न रह जाय. दरअसल, राज्य की नीतीश सरकार ने सूबे में श्वेत क्रांति लाने के उद्देश्य से सब्सिडी पर गव्य विकास योजना के तहत दुधारू पशु देने को लेकर काम शुरू किया. कटिहार जिले में यह योजना एक साल पीछे चल रहा है. डेयरी स्थापित करने के लिए इच्छुक व पात्र व्यक्ति को दुधारू पशु सब्सिडी पर देने की योजना इस जिले में लक्ष्य से काफी पीछे है. प्रभात खबर ने इस योजना को लेकर विभिन्न स्तरों पर पड़ताल की है. पड़ताल में यह बात सामने आयी कि शनिवार तक राज्य मुख्यालय से चालू वित्तीय वर्ष यानी 2015-16 के लिए अब तक इस योजना के लिए जिला को टारगेट नहीं मिला है. जबकि इस वित्तीय का अब मात्र ढाई महीना बचा है. यह बात भी उभर कर सामने आयी कि जिला गव्य विकास कार्यालय फिलहाल पिछले वित्तीय वर्ष यानी 2014-15 के टारगेट को पूरा करने में जुटी है. वित्तीय वर्ष 2015-16 का नहीं मिला टारगेट——————————-गव्य विकास के तहत डेयरी स्थापित करने को लेकर हर वित्तीय वर्ष में राज्य मुख्यालय से जिला को टारगेट दिया जाता है. उसी टारगेट के आधार पर जिला को सब्सिडी की राशि आवंटित की जाती है. लेकिन चालू वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए शनिवार तक जिले को टारगेट नहीं मिला है. जबकि इस वित्तीय वर्ष का मात्र ढाई महीना बचा हुआ है. इतनी महत्वाकांक्षी योजना के प्रति सरकार की इस तरह की उदासीनता से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि डेयरी स्थापित करने को लेकर नीतीश सरकार कितना संवेदनशील हैं. एक साल पीछे चल रही है योजना————————विभागीय सूत्रों की माने तो सिर्फ वित्तीय वर्ष 2015-16 में ऐसा नहीं हुआ है. पिछले वित्तीय वर्ष यानी 2014-15 में भी ऐसा ही हुआ है. सूत्र बताते हैं कि जनवरी 2015 में वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए जिला को टारगेट मिला. जिला गव्य विकास कार्यालय फिलहाल के पिछले वित्तीय वर्ष के टारगेट को पूरा करने में जुटी है. पिछले वित्तीय वर्ष का टारगेट पूरा होने में काफी समय लगेगा. इस वित्तीय वर्ष में कुल टारगेट 177 डेयरी स्थापित करने का है. इसमें अब तक मात्र 40 डेयरी ही स्थापित हुआ है. जबकि 41 डेयरी प्रक्रिया में है. क्या है योजना———-राज्य सरकार डेयरी स्थापित करने के सब्सिडी पर दुधारू पशु दिया जाता है. दो दुधारू पशु, पांच दुधारू पशु, 10 दुधारू पशु व 20 दुधारू पशु के लिए डेयरी यूनिट स्थापित करने के लिए सब्सिडी दिये जाने का प्रावधान है. अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लिए अलग से लक्ष्य निर्धारित होता है. वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 40 डेयरी यूनिट ही स्थापित की जा सकी है. कहते हैं डीडीओ————जिला गव्य विकास पदाधिकारी केदारनाथ सिंह ने इस संदर्भ में बताया कि वित्तीय वर्ष 2014-15 के लक्ष्य को पूरा किया जा रहा है. अब तक 40 डेयरी यूनिट स्थापित किया गया है. वित्तीय वर्ष 2015-16 का टारगेट एक-दो दिन में राज्य मुख्यालय से जिला को मिलेगा.वर्ष 2014-15 के टारगेट की स्थिति————————-क्र. सं. – इकाई – लक्ष्य – स्थापित—– —– —— ——-1. – 2 दुघारू पशु – 74 – 242. – 5 दुघारू पशु – 09 – 013. – 10 दुघारू पशु – 08 – 054. – 20 दुघारू पशु – 04 – 015. – 2 दुघारू पशु (एससी) 46 – 066. – 5 दुघारू पशु (एससी) 06 – 027. – 2 दुघारू पशु (एसटी) 30 – 01 ——– —— कुल 177 – 40

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