कटिहार : खट्टे-मीठे अनुभवों व उपलब्धियों के बीच 2015 को अलविदा कह कर शुक्रवार को जिलावासी नये वर्ष यानी 2016 के पहले दिन के स्वागत करने में मशगूल हैं.
यद्यपि 2015 ने कटिहार जिले का कई मामलों में मान बढ़ाया है. कुछ घटनाओं को छोड़ दें, तो 2015 ठीक-ठाक ही रहा. अब लोग नये वर्ष 2016 से ढेर सारी उम्मीदें लगाये हुए हैं. यूं तो कटिहार जिले में 2015 में किसी नयी परियोजना की शुरुआत नहीं हुई. लेकिन 2016 में कई बड़ी परियोजना के पूरी होने की उम्मीद लोगों को हैं, तो कई बड़ी परियोजना का शुभारंभ भी 2016 में होगा.
इंजीनियरिंग कॉलेज का मिला तोहफा
2015 में कटिहार को एक बड़े तोहफा के रूप में इंजीनियरिंग कॉलेज मिला. भूमि के अभाव में इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रस्ताव अधर में लटका हुआ था, लेकिन राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने करीब 10 एकड़ भूमि उपलब्ध कराया. इसके बाद कटिहार में इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने की स्वीकृति दी गयी. 2016 में लोगों को उम्मीद है कि राज्य सरकार इस कॉलेज की आधारभूत संरचना की दिशा में पहल करेगी तथा छात्र-छात्राओं के लिए अभियंत्रण पाठ्यक्रम की शुरुआत भी इसी वर्ष से हो जायेगी.
दौड़ेगी विद्युत ट्रेनें
कटिहार रेल मंडल अंतर्गत कई प्रमुख रेलखंडों में विद्युतीकरण का काम चल रहा है. इसमें से कई रेलखंड पर विद्युतीकरण कार्य अंतिम चरण में है. हालांकि कटिहार-सालमारी-मुकुरिया, कटिहार-कुमेदपुर-मुकुरिया के क्रमश: 38.72 आरकेएम व 47.80 आरकेएम में कार्य अंतिम चरण में है.
इसी तरह कटिहार-बरौनी रेलखंड के विद्युतीकरण कार्य भी अंतिम चरण में है. इसमें कटिहार-सालमारी-मुकुरिया व कटिहार-कुमेदपुर-मुकुरिया रेलखंड के विद्युतीकरण के पूरा करने का लक्ष्य मार्च 2016 है. लोगों को उम्मीद है कि 2016 में इन रेलखंड पर विद्युत से ट्रेनें दौड़ेगी.
भाया पूर्णिया-सहरसा तक दौड़ेगी ट्रेन
वर्ष 2016 में कटिहार से भाया पूर्णिया-सहरसा तक ट्रेन दौड़ेगी. ऐसी उम्मीद लोगों को है. माना जा रहा है कि मार्च 2016 तक सहरसा से पूर्णिया के बीच ट्रेन दौड़ने लगेगी.
जबकि पूर्णिया व पूर्णिया कोर्ट के बीच आमान परिवर्तन कार्य भी प्रगति पर है. इसलिए लोगों को उम्मीद है कि वर्ष 2016 में कटिहार-सहरसा के बीच भाया पूर्णिया ट्रेन चलने लगेगी. इसके बाद लोगों को भाया मानसी घूम कर सहरसा जाना नहीं पड़ेगा. करीब 8-10 वर्ष बाद इस रेलखंड पर ट्रेन दौड़ने की उम्मीद क्षेत्र के लोगों में जगी है.
एनएच-81 का मिलेगा तोहफा
राष्ट्रीय उच्च पथ 31 व 34 को जोड़ने वाली एनएच-81 के निर्माण कार्य भी अब अंतिम चरण में है. दरअसल, इस राष्ट्रीय उच्च पथ को 2015 में ही पूरा होना था. लेकिन विभिन्न कारणों से पथ का काम पूरा नहीं हो सका. अब जिस रफ्तार से काम चल रहा है. इससे यह उम्मीद जगी है कि 2016 में इस राष्ट्रीय उच्च पथ पर वाहनों का परिचालन शुरू हो जायेगा. यह सर्वविदित है कि इस पथ के चालू होने से पश्चिम बंगाल के कोलकाता सहित कई बड़े शहरों से कटिहार सड़क मार्ग से जुड़ जायेगा.
तोहफा के रूप में मिलेगी स्वचालित सीढ़ी
कटिहार वासियों को 2016 में एक और तोहफा मिलने वाला है. कटिहार जंकशन पर स्वचालित सीढ़ी व रैंप के निर्माण कार्य का शुभारंभ हो चुका है.
हालांकि इसकी आधारशिला मई 2015 में ही रखी गयी थी, लेकिन एक सप्ताह पूर्व कार्य प्रारंभ हुआ है. करीब 7.5 करोड़ की लागत से 4.5 मीटर चौड़ी बनने वाली स्वचालित सीढ़ी व रैंप का काम 2016 में पूरा हो जायेगा, ऐसी उम्मीद लोगों को है. इसके निर्माण से खासकर बुजुर्ग व नि:शक्त रेल यात्रियों को काफी फायदा पहुंचेगा.