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शहर में कैसे रुकेगा अपराध,पुलिस ड्यूटी के प्रति लापरवाह

लगातार हो रही लूट की घटना के बाद भी गश्ती के नाम पर हो रही खानापूर्ति सुरक्षा में कहीं नहीं दिखी पुलिस कटिहार : शहर में लगातार हो रही लूट की घटना के बाद भी पुलिस की कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं हुआ है. हाल यह है कि शहर में सुरक्षा व्यवस्था तक नहीं बढ़ायी […]

लगातार हो रही लूट की घटना के बाद भी गश्ती के नाम पर हो रही खानापूर्ति

सुरक्षा में कहीं नहीं दिखी पुलिस
कटिहार : शहर में लगातार हो रही लूट की घटना के बाद भी पुलिस की कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं हुआ है. हाल यह है कि शहर में सुरक्षा व्यवस्था तक नहीं बढ़ायी गयी है. पुलिस की इसी लचर स्थिति का फायदा उठा कर बेखौफ अपराधी एक के बाद एक लूट की घटना को अंजाम दे रहे हैं.
इससे व्यवसायी वर्ग व आम लोगों में दहशत का माहौल है लेकिन पुलिस है कि अपनी कार्यशैली में बदलाव लाने की दिशा में कोई काम ही नहीं कर रही है. गौरतलब हो कि सोमवार को शहर के दो अलग-अलग स्थानों पर बेखौफ अपराधियों ने 10.70 लाख की लूट के घटना को अंजाम दिया था. पहली घटना सहायक थाना के निकट कपड़ा व्यवसायी के कर्मी से दो लाख की लूट की. इसके बाद दूसरी घटना नगर थाना क्षेत्र से पांच सौ मीटर की दूरी पर 8.70 लाख की लूट की घटना को अंजाम दिया था.
इसके पूर्व शनिवार को भारत गैस एजेंसी में 3.50 लाख की लूट अपराधियों ने की थी. लूट की बढ़ती घटना के बाद प्रभात खबर ने मंगलवार को नगर व सहायक थाना क्षेत्र के प्रमुख स्थलों का जायजा लिया और जानने का प्रयास किया कि अपराधिक घटनाओं के बढ़ने के बाद पुलिस कितना सजग है. शहर में सुरक्षा कितनी बढ़ायी गयी है.
कहां-कहां पुलिस के पदाधिकारी न सही जवानों को ही तैनात किया गया है. जायजा लेने के क्रम में पाया गया कि शहर में कही भी पुलिस के पदाधिकारी या जवानों को सुरक्षा के लिहाज से तैनात नहीं किया गया था. शहर के व्यवसायियों, दुकानदारों व आमलोगों की सुरक्षा व्यवस्था पहले की तरह भगवान भरोसे हो रहा थी. प्रभात खबर टीम ने जिन-जिन क्षेत्रों का जायजा लिया है यहां संक्षिप्त में प्रस्तुत किया जा रहा है.
पुलिस की गश्ती नहीं होने से बढ़ा अपराध
प्रभात खबर लगातार इस बात को उठाता रहा है कि शहर में पुलिस की गश्ती नहीं हो रही है. यदि गश्ती होती या चौक-चौराहे पर पुलिस दिखती तो अपराध का ग्राफ इतना नहीं बढ़ता. यह स्थिति जब शहर की है तो जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की क्या स्थिति होगी सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है.
करोड़ों रुपये सरकार कर रही खर्च
जिले में बड़ी संख्या में पुलिस पदाधिकारी व जवानों को इसलिए पदस्थापित किया गया है कि आमलोगों को सुरक्षा मुहैया करायी जा सके. लोग बेखौफ होकर अपना कारोबार कर सके. दिन हो या रात कहीं आ जा सके. उन्हें डर का एहसास नहीं हो. इसके लिए सरकार पुलिस के पदाधिकारी व जवानों को प्रत्येक माह सैलरी के रूप में करोड़ों रुपये वाहन भी करती है. इसके बावजूद यदि लोगों में दहशत हो तो इसे क्या कहा जाये.

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