नहीं चला ओवैसी फैक्टर को जनता ने नकारा प्रतिनिधि, कटिहारजिस तरह मीडिया में बात आ रही थी. इस तरह का आवैसी फैक्टर इस चुनाव में कहीं नजर नहीं आया. कटिहार सहित सीमांचल के क्षत्रपों की भी इस चुनाव में नहीं चली. कोसी सीमांचल में पप्पू यादव, तारिक अनवर के प्रभाव को लेकर सियासी तबकों में यह कयास लग रहे थे कि इस क्षेत्र के विधानसभा चुनाव में ये क्षेत्रीय क्षत्रप चुनाव परिणाम का उलट-फेर कर सकते हैं. लेकिन महागंठबंधन की आंधी ने सबके गणित को उलट-फेर करके रख दी. -लालू की चर्चा जोरों पर16 वीं विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद अब चौक-चौराहों व विभिन्न जगहों पर जीत-हार को लेकर चर्चा शुरू हो गयी है. खासकर महागंठबंधन को मिली अप्रत्याशित सफलता व भाजपा की नेतृत्व वाली एनडीए को मिली करारी हार अपने-अपने हिसाब से लोग विश्लेषण कर रहे हैं. सियासी तबकों के बीच इस बात की भी चर्चा हो रही है कि महागंठबंधन में अधिक सीट हासिल करने वाले लालू प्रसाद किस तरह की भूमिका में रहेंगे. चुनाव परिणाम के बाद हो रहे तमाम चर्चाओं के बीच यह चर्चा भी सामने आ रही है कि इस चुनाव में वोटों के ध्रुवीकरण को लेकर नये-नये सियासी दल भी चुनावी समर में कूदे थे. हालांकि कटिहार सहित सीमांचल की जनता ने ऐसे सियासी दलों को सिरे से खारिज कर दिया है. इस विधानसभा चुनाव में खासकर असीउद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाले एआइएमआइएम को लेकर जिस तरह से कटिहार सहित पूरे सीमांचल में हौवा खड़ा किया गया था. उसे इस क्षेत्र की जनता ने हवा निकाल दिया. -ओवैसी, तौकीर, एनसीपी व जेएपी को जनता ने नकारा बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जब सरगर्मी तेज हुई तब हैदराबाद के असीउद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल (एआइएमआइएम) ने सीमांचल में पैठ जमाने के इरादे से कई सीटों पर प्रत्याशी देने की न केवल घोषणा की. बल्कि सीमांचल के किशनगंज, कटिहार के बलरामपुर आदि क्षेत्रों का दौरा भी किया. इसी तरह तौकीर आलम के नेतृत्व वाले इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल ने भी सियासी जमीन तलाशने के उद्देश्य से सीमांचल में न केवल दौरा शुरू कर दिया, बल्कि विधानसभा चुनाव में कई सीटों पर अपनी प्रत्याशी भी उतरा. यही स्थिति एनसीपी व जन अधिकार पार्टी की भी रही. लेकिन कटिहार से सीमांचल की जनता ने इस विधानसभा चुनाव में ओवैसी, तौकीर आलम के साथ-साथ एनसीपी व पप्पू यादव की नेतृत्व वाली जन अधिकार पार्टी को भी नकार दी है. एआइएमआइएम के बलरामपुर से प्रत्याशी आदिल हसन को मात्र 6373 वोट से संतोष करना पड़ा. जबकि इसी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व कोचाधामन से प्रत्याशी अख्तरूल इमान को हार का सामना करना पड़ा. -नहीं काम आया ओवैसी फैक्टरजिस तरह मीडिया में बात आ रही थी. इस तरह का आवैसी फैक्टर इस चुनाव में कहीं नजर नहीं आया. कटिहार सहित सीमांचल के क्षत्रपों की भी इस चुनाव में नहीं चली. कोसी सीमांचल में पप्पू यादव, तारिक अनवर के प्रभाव को लेकर सियासी तबकों में यह कयास लग रहे थे कि इस क्षेत्र के विधानसभा चुनाव में ये क्षेत्रीय क्षत्रप चुनाव परिणाम का उलट-फेर कर सकते हैं. लेकिन महागंठबंधन की आंधी ने सबके गणित को उलट-फेर करके रख दी.
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नहीं चला ओवैसी फैक्टर को जनता ने नकारा
नहीं चला ओवैसी फैक्टर को जनता ने नकारा प्रतिनिधि, कटिहारजिस तरह मीडिया में बात आ रही थी. इस तरह का आवैसी फैक्टर इस चुनाव में कहीं नजर नहीं आया. कटिहार सहित सीमांचल के क्षत्रपों की भी इस चुनाव में नहीं चली. कोसी सीमांचल में पप्पू यादव, तारिक अनवर के प्रभाव को लेकर सियासी तबकों में […]
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